वॉशिंगटन। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी अमेरिका की राजकीय यात्रा संपन्न होने के बाद शनिवार सुबह मिस्र के लिए रवाना हुए। प्रधानमंत्री की यह मिस्र की पहली यात्रा होगी। उन्होंने अमेरिका की राजकीय यात्रा के दौरान राष्ट्रपति जो बाइडन से बातचीत की और अमेरिकी कांग्रेस (संसद) के संयुक्त सत्र को संबोधित किया।
मोदी राष्ट्रपति अब्देल फतह अल-सीसी के निमंत्रण पर मिस्र की 2 दिवसीय राजकीय यात्रा कर रहे हैं। यह 1997 के बाद किसी भारतीय प्रधानमंत्री की पहली आधिकारिक मिस्र यात्रा होगी। मोदी राष्ट्रपति बाइडन और प्रथम महिला जिल बाइडन के निमंत्रण पर अमेरिका आए थे। उनकी अमेरिका यात्रा न्यूयॉर्क से शुरू हुई थी, जहां उन्होंने 21 जून को 9वें 'अंतरराष्ट्रीय योग दिवस' के अवसर पर संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में एक ऐतिहासिक कार्यक्रम की मेजबानी की थी।
बाद में राष्ट्रपति बाइडन ने वॉशिंगटन डीसी में व्हाइट हाउस में उनका 'रेड-कार्पेट' पर भव्य स्वागत किया। दोनों नेताओं ने गुरुवार को एक ऐतिहासिक शिखर सम्मेलन में हिस्सा लिया जिसके बाद मोदी ने अमेरिकी कांग्रेस को संबोधित किया और फिर बाइडन द्वारा उनके सम्मान में व्हाइट हाउस में एक राजकीय रात्रिभोज का आयोजन किया गया।
इस यात्रा के दौरान रक्षा, अंतरिक्ष और व्यापार जैसे प्रमुख क्षेत्रों में भारत और अमेरिका के बीच सहयोग को बढ़ावा देने के लिए कई प्रमुख समझौते हुए। प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति बाइडन ने सैन्य विमानों के लिए जेट इंजन के संयुक्त उत्पादन संबंधी 'ऐतिहासिक' समझौते और अमेरिकी ड्रोन समझौते की प्रशंसा की।
भारत और अमेरिका के अपनी रणनीतिक साझेदारी को बढ़ाने के लिए तैयार होने के बीच जीई एयरोस्पेस ने घोषणा की कि उसने भारतीय वायुसेना के हल्के लड़ाकू विमान (एलसीए) एमके-2 तेजस के वास्ते संयुक्त रूप से लड़ाकू जेट इंजन का उत्पादन करने के लिए हिन्दुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) के साथ एक समझौता किया है।
एक अन्य बड़ी घोषणा में कम्प्यूटर स्टोरेज चिप निर्माता माइक्रॉन ने कहा कि वह गुजरात में अपना 'सेमीकंडक्टर असेंबली' और परीक्षण संयंत्र स्थापित करेगी जिसमें कुल 2.75 अरब अमेरिकी डॉलर (लगभग 22,540 करोड़ रुपए) का निवेश होगा। मोदी गुरुवार को अमेरिकी कांग्रेस के संयुक्त सत्र को 2 बार संबोधित करने वाले पहले भारतीय नेता भी बने थे। अपने संबोधन के दौरान उन्होंने आतंकवाद के प्रायोजक देशों के खिलाफ कार्रवाई का आह्वान किया था। मोदी ने संयुक्त राष्ट्र सहित बहुपक्षीय संस्थानों में सुधार पर भी जोर दिया था और अमेरिका के साथ भारत के संबंधों के बारे में खुलकर बात की थी।
अमेरिका की उपराष्ट्रपति कमला हैरिस ने शुक्रवार को विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन के साथ विदेश विभाग में भारतीय नेता के लिए दोपहर के भोजन की मेजबानी की। मोदी ने व्हाइट हाउस में अमेरिका और भारत की कंपनियों के शीर्ष मुख्य कार्यकारी अधिकारियों (सीईओ) से भी मुलाकात की। बाद में दिन में उन्होंने अमेरिका में भारतीय समुदाय द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित किया।
प्रधानमंत्री मोदी अपनी मिस्र यात्रा के दौरान सीसी के साथ बातचीत करने के अलावा मिस्र सरकार के वरिष्ठ गणमान्य व्यक्तियों, देश की प्रमुख हस्तियों और भारतीय समुदाय के सदस्यों से भी मुलाकात कर सकते हैं। जनवरी में सीसी की भारत की राजकीय यात्रा के दौरान दोनों देश अपने संबंधों को रणनीतिक साझेदारी के स्तर तक बढ़ाने पर सहमत हुए थे।
प्रधानमंत्री काहिरा में 'हेलियोपोलिस कॉमनवेल्थ वॉर ग्रेव सीमेट्री' का दौरा करेंगे, जो एक पवित्र स्थल है और प्रथम विश्वयुद्ध के दौरान मिस्र तथा फलस्तीन में सेवा करने वाले एवं शहीद हुए भारतीय सेना के लगभग 4,000 सैनिकों की याद में बनाया गया स्मारक है। मोदी दाऊदी बोहरा समुदाय की मदद से बहाल की गई 11वीं सदी की अल-हकीम मस्जिद का भी दौरा करेंगे।
2 देशों की यात्रा पर जाते समय मोदी ने 20 जून को अपने प्रस्थान वक्तव्य में कहा था कि मैं किसी करीबी और मैत्रीपूर्ण देश (मिस्र) की पहली राजकीय यात्रा करने को लेकर उत्साहित हूं। उन्होंने यह भी कहा था कि हमें इस वर्ष देश के गणतंत्र दिवस समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में राष्ट्रपति सीसी का स्वागत करने का सौभाग्य मिला। कुछ महीनों के अंतराल में ये 2 यात्राएं मिस्र के साथ हमारी तेजी से विकसित हो रही साझेदारी की झलक पेश करती हैं, जो राष्ट्रपति सीसी की यात्रा के दौरान 'रणनीतिक साझेदारी' में बदल गई।
मोदी ने कहा था कि मैं दोनों देशों की सभ्यता और बहुआयामी साझेदारी को और गति प्रदान करने के लिए राष्ट्रपति सीसी और मिस्र सरकार के वरिष्ठ सदस्यों के साथ अपनी बातचीत को लेकर उत्सुक हूं। मुझे मिस्र में प्रवासी भारतीयों के साथ बातचीत करने का भी अवसर मिलेगा।(भाषा)
Edited by: Ravindra Gupta