टोकियो। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और उनके जापानी समकक्ष शिंजो आबे ने सोमवार को पाकिस्तान से कहा कि वह मुंबई और पठानकोट आतंकवादी हमलों के अपराधियों को इंसाफ के कठघरे में लाए। दोनों नेताओं ने यहां अपने औपचारिक शिखर सम्मेलन में आतंकवाद के बढ़ते खतरों और उसकी वैश्विक पहुंच पर गहरी चिंता जताई।
दोनों नेताओं के बीच 2 दिन चली शिखर वार्ता के बाद जारी 'भारत-जापान दृष्टि वक्तव्य' के अनुसार कि उन्होंने नवंबर 2008 में मुंबई में और जनवरी 2016 में पठानकोट में हुए हमले समेत आतंकवादी हमलों के अपराधियों को इंसाफ के कठघरे तक लाने का पाकिस्तान का आह्वान किया।
लश्कर-ए-तैयबा के 10 आतंकवादी नवंबर 2008 में समुद्र पार कर कराची से मुंबई में पहुंचे थे और वहां उन्होंने समन्वित हमलों में 166 लोगों की हत्या कर दी थी और 300 से ज्यादा लोगों को घायल कर दिया था। भारत ने मुंबई हमलों के सरगना एवं जमातुद दावा के मुखिया हाफिज सईद को देश में खुलेआम यहां वहां घुमने की इजाजत देने के पाकिस्तान के कदम पर चिंता जताई थी।
वक्तव्य में कहा गया है कि उन्होंने अल कायदा, जैश-ए-मोहम्मद, लश्कर-ए-तैयबा और उनसे संबद्ध संगठनों समेत विभिन्न समूहों से आतंकवादी खतरों के खिलाफ सहयोग मजबूत करने का प्रण किया। दोनों नेताओं ने आतंकवादियों की पनाहगाहों, बुनियादी ढांचा नष्ट करने, आतंकवादी नेटवर्क और वित्तपोषण के चैनल तोड़ने और आतंकवादियों के सरहद पार आवागमन रोकने का सभी देशों का आह्वान किया।
मोदी और आबे ने परमाणु हथियारों को पूरी तरह खत्म करने और परमाणु प्रसार एवं परमाणु आतंकवाद की चुनौतियों से निबटने के लिए अंतरराष्ट्रीय सहयोग मजबूत करने के कार्य के लिए प्रतिबद्ध रहने की वचनबद्धता दोहराई। (भाषा)