वॉशिंगटन। क्षुद्र ग्रहों की पट्टी में दो सबसे बड़े क्षुद्र ग्रहों का चक्कर लगाने वाले नासा के 'डॉन' अंतरिक्ष यान में ईंधन समाप्त होने के बाद इसका ऐतिहासिक 11 साल पुराना मिशन समाप्त हो गया। इस मिशन ने हमारे सौरमंडल के कई रहस्यों को उजागर किया था।
46.7 करोड़ डॉलर की लागत वाला यह मिशन 2007 में शुरू किया गया था जिसका उद्देश्य क्षुद्र ग्रहों वेस्टा और केयर्स का अध्ययन करना था। नासा ने एक बयान में बताया कि यह अंतरिक्ष यान 31 अक्टूबर और 1 नवंबर को नासा के डीप स्पेस नेटवर्क के साथ निर्धारित संपर्क साधने में विफल रहा।
जब उड़ान दल ने संपर्क नहीं होने के अन्य संभावित कारणों को समाप्त किया तो मिशन प्रबंधकों ने कहा कि अंतरिक्ष यान में अंतत: हाइड्रोजन समाप्त हो गई है जिस ईंधन से अंतरिक्ष यान संचालित होता है।
नासा के यहां स्थित विज्ञान मिशन निदेशालय के सहायक प्रशासक थॉमस जुर्बुकेन ने कहा कि आज हम अपने डॉन मिशन के समाप्त होने के मौके पर उसकी तरफ से दिलाई गईं अतुलनीय तकनीकी उपलब्धियों व महत्वपूर्ण विज्ञान को याद कर रहे हैं। नासा का कहना है कि हमने डॉन पर बहुत ज्यादा काम का बोझ डाला था, लेकिन उसने सभी काम बखूबी पूरे किए। इतने अच्छे अंतरिक्ष यान को रिटायर करना आसान नहीं है। (भाषा)