नेपाल में तख्तापलट के बाद कौन बनेगा पीएम? इन 3 नामों पर चर्चा तेज
						
		
						
				
Nepal news in hindi : नेपाल में हुए उपद्रव के बाद से इस बात की चर्चा तेज हो गई कि भारत के इस पड़ोसी देश की कमान कौन संभालेगा। प्रधानमंत्री पद की दौड़ में बालेंद्र शाह, रवि लामिछानी और सुशीला कार्की के
			
		          
	  
	
		
										
								
																	
									
			
			 
 			
 
 			
					
			        							
								
																	
	 
	नेपाल में हालात अभी भी बेकाबू बने हुए हैं। यहां सेना ने मोर्चा संभाल लिया है। आर्मी चीफ की प्रदर्शनकारियों से शांति बनाए रखने की अपील की है। काठमांडू में कर्फ्यू जारी है। नेपाल से सटे भारतीय राज्यों में भी सुरक्षा सख्त कर दी गई है।
 
									
										
								
																	
	 
	केपी शर्मा ओली के बारे में कहा जा रहा है कि वे प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद दुबई भाग गए है। इस बीच देश में नई सरकार के गठन की कवायद तेज हो गई है। आंदोलनकारियों की ओर से बालेन शाह और रवि लछिमाने आज सेना प्रमुख से करेंगे मुलाकात।
 
									
											
									
			        							
								
																	
									
										
										
								
																	
									
											
								
								
								
								
								
								
										
			        							
								
																	
									
										
										
								
																	
	कौन हैं रवि लामिछानी : प्रधानमंत्री पद की दौड़ में दूसरा नाम रवि लामिछानी का चल रहा है। वे पेशे से पत्रकार हैं। उन्होंने राष्ट्रीय स्वतंत्र पार्टी बनाई और एक बिजनेसमैन के निवेश के जरिए एक न्यूज चैनल शुरू किया। नेपाल सरकार ने रवि के चैनल पर कॉपरेटिव के पैसे लगाने का आरोप लगाते हुए उन्हें जेल भेज दिया। इनकी पार्टी ने पहली बार चुनाव लड़कर संसद की 20 सीटों पर जीत दर्ज की थी। प्रदर्शनकारियों ने मंगलवार को उन्हें जेल से बाहर निकाल लिया। 
 
									
			                     
							
							
			        							
								
																	
									
										
										
								
																	
	कौन हैं सुशीला कार्की : सुप्रीम कोर्ट की पूर्व चीफ जस्टिस सुशीला कार्की का नाम भी प्रधानमंत्री पद की दौड़ में आगे चल रहा है। वे नेपाल की पहली महिला चीफ जस्टिस रही हैं। 73 वर्षीय सुशीला के कार्यकाल में भ्रष्टाचार के खिलाफ कई सख्त कदम उठाए गए थे। 2017 में उन्हें अपने कार्यकाल के दौरान महाभियोग का भी सामना करना पड़ा। राजनीतिक दलों ने उन पर कार्यपालिका में हस्तक्षेप का आरोप लगाया। हालांकि जनसमर्थन और सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद इसे वापस ले लिया गया। 
 
									
			                     
							
							
			        							
								
																	हालांकि बालेंद्र शाह और रवि लामिछानी को भारत विरोधी माना जाता है। वहीं सुशीला कार्की की शिक्षा भारत में हुई है। तख्तापलट के बाद उपजी स्थितियों में किसी अन्य को भी नेपाल की कमान सौंपी जा सकती है। डॉ सैंडुक रुइट, कुलमान घिसिंग समेत कई अन्य नाम भी पीएम पद की दौड़ में दिखाई दे रहे हैं।
 
									
			                     
							
							
			        							
								
																	
	edited by : Nrapendra Gupta