Nepal Kulman Ghising news : नेपाल में Gen Z आंदोलन से हुए तख्तापलट के बीच आज अंतरिम प्रधानमंत्री के नाम का एलान होना है। अब तक पीएम पद की दौड़ में सबसे आगे चल रहीं सुशीला कार्की को कुल मान घिसिंग ने पछाड़ दिया है। उन्हें नेपाल को बिजली संकट से निकालने का श्रेय जाता है।
पेशे से इंजीनियर कुलमान घिसिंग को अंतरिम सरकार की कमान सौंपी जा सकती है। प्रदर्शनकारी मानते हैं कि बिजली संकट की तरह ही घिसिंग भ्रष्टाचार से भी देश को मुक्ति दिला सकते हैं।
जेन जी प्रदर्शनकारियों ने एक बयान में कहा कि 6 घंटे की वर्चुअल बैठक में काठमांडू के मेयर बालेंद्र शाह और सुप्रीम कोर्ट की पूर्व मुख्य न्यायाधीश सुशीला कार्की के नामों पर भी विचार हुआ। लेकिन घिसिंग का नाम सामने आना कई लोगों के लिए चौंकाने वाला है।
मीडिया खबरों के अनुसार, प्रदर्शनकारियों ने बालेंद्र शाह को अंतरिम सरकार का नेतृत्व करने का प्रस्ताव दिया था। अपनी रैपर छवि और युवाओं में लोकप्रियता के कारण बालेन जेन जी के करीब माने जाते हैं। उन्होंने यह जिम्मेदारी लेने से इनकार कर दिया।
इसके बाद पूर्व मुख्य न्यायाधीश सुशीला कार्की का नाम सामने आया। बालेंद्र शाह ने भी उनके नाम का समर्थन किया। लेकिन कुछ प्रदर्शनकारियों ने सुशीला की उम्र (73 साल) का हवाला देते हुए इसका विरोध किया। उनका कहना था कि संविधान पूर्व जजों को प्रधानमंत्री बनने से रोकता है। इसके बाद कुलमान घिसिंग के नाम सामने आया।
कौन हैं कुलमान घिसिंग : कुलमन ने भारत के जमशेदपुर से इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई की। उन्होंने साल 1994 में NEA को ज्वाइन किया था। कुलमान घिसिंग नेपाल विद्युत प्राधिकरण के प्रमुख रहे हैं। उन्होंने अपने कार्यकाल के दौरान देश के बिजली संकट को खत्म करने में अहम भूमिका निभाई थी। उर्जा मंत्री दीपक खड़का से मतभेद के बाद नेपाल सरकार ने मार्च में उन्हें पद से हटा दिया था।
कार्यकुशलता और देशभक्ति की वजह से कुलमान जनता के चहेते हैं। प्रदर्शनकारी उन्हें एक ऐसे शख्स के रूप में देखते हैं जो भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई में नया जोश ला सकता है। सुशीला कार्की की तरह ही घिसिंग भी भारत के करीबी माने जाते हैं।
edited by : Nrapendra Gupta