बैंकों पर प्रतिबंध, उत्तर कोरिया ने नहीं चुकाया अरबों का बकाया

Webdunia
शनिवार, 10 फ़रवरी 2018 (10:35 IST)
संयुक्त राष्ट्र। उत्तर कोरिया ने कहा कि वह संयुक्त राष्ट्र के प्रतिबंधों के कारण उसकी तकरीबन 184,000 डॉलर की बकाया राशि नहीं चुका सकता। प्रतिबंधों के तहत उत्तर कोरिया से रकम के लेन-देन पर रोक है। 
 
संयुक्त राष्ट्र में उत्तर कोरिया के मिशन ने कहा कि उसके विदेशी व्यापार बैंक पर अगस्त में सुरक्षा परिषद द्वारा लगाए गए प्रतिबंधों के कारण लेन-देन असंभव है।
 
मिशन ने कहा कि दूत जा सोंग नाम ने प्रबंधन के अवर महासचिव जान बीगल से शुक्रवार दोपहर में मुलाकात की और उनसे अनुरोध किया कि उत्तर कोरिया के बैंकिंग माध्यम खोले जाए ताकि वह संयुक्त राष्ट्र के नियमित अभियानों और शांति रक्षा मिशनों तथा अंतरराष्ट्रीय अधिकरणों के लिए बजट देने के वास्ते आवश्यक 183,458 डॉलर की राशि का भुगतान कर सकें।
 
गौरतलब है कि उत्तर कोरिया के अंतरमहाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइलों के पहले सफल परीक्षण के बाद सुरक्षा परिषद ने उससे लेन-देन पर व्यापक प्रतिबंध लगाए थे। यह मिसाइल अमेरिका के मुख्य भूभाग तक मार करने में सक्षम हैं। (भाषा)  

सम्बंधित जानकारी

Show comments

जरूर पढ़ें

चीन की यह परियोजना भारत के लिए है 'वाटर बम', अरुणाचल के CM पेमा खांडू ने चेताया

nimisha priya : कैसे बचेगी भारतीय नर्स निमिषा प्रिया की जान, क्या होती है ब्लड मनी, किन हालातों में रुक सकती है फांसी

Donald Trump को Nobel Prize दिलाने के लिए उतावले क्यों हैं पाकिस्तान और इजराइल, क्या हैं नियम, कौन कर रहा है विरोध, कब-कब रहे हैं विवादित

बैकफुट पर CM रेखा गुप्ता, सरकारी आवास की मरम्मत का ठेका रद्द, जानिए कितने में हुआ था ठेका

Video : रिटायर होने के बाद क्या करेंगे गृह मंत्री अमित शाह, सहकारी कार्यकर्ताओं के सामने किया प्लान का खुलासा

सभी देखें

नवीनतम

प्रधानमंत्री मोदी पहुंचे नामीबिया, सर्वोच्च नागरिक सम्मान से नवाजा

डोनाल्‍ड ट्रम्‍प का नया टैरिफ बम, ईराक समेत इन देशों पर लगाया 30% Tariff, भारत के लिए क्या है राहत की बात

Air India Plane Crash : अहमदाबाद विमान हादसे का खुलेगा राज, AAIB जल्‍द जारी करेगा जांच रिपोर्ट

Maharashtra : मासिक धर्म की जांच के लिए छात्राओं के कपड़े उतरवाए गए, 8 पर मामला दर्ज

धर्मांतरण रैकेट की जड़ें तलाशेगी ATS, छांगुर बाबा और नीतू एक हफ्ते के पुलिस रिमांड पर

अगला लेख