बीजिंग। चीन ने कोविड-19 (Covid-19) टीके पर अपने कूटनीतिक प्रयासों को तेज करते हुए बुधवार को कहा कि वह वैश्विक कोवैक्स पहल के लिए कोरोना वायरस के टीके की एक करोड़ खुराक उपलब्ध कराएगा।
चीन का यह बयान विशेषज्ञों के इस अनुमान के बीच आया है कि भारत विश्व को यह टीका वितरित करने में अग्रणी भूमिका निभा सकता है। चीन ने कोवैक्स के टीकों की आपूर्ति करने की पेशकश की है। इसके लिए उसने अपने टीके को विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) से आपात उपयोग मंजूरी का इंतजार किया है।
कोवैक्स को औपचारिक रूप से कोविड-19 टीके वैश्विक पहुंच सुविधा के तौर पर जाना जाता है, जो कि एक वैश्विक पहल है। इसका लक्ष्य यह सुनिश्चित करना है कि मध्यम और निम्न आय वाले देशों को कोरोना वायरस के टीके समय से मिल जाएं।
चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता वांग वेनबीन ने कहा कि चीन ने विकासशील देशों की टीके की तत्काल जरूरत को पूरा करने के लिए डब्ल्यूएचओ के अनुरोध पर इसकी एक करोड़ खुराक मुहैया करने का फैसला किया है। चीन पिछले साल कोवैक्स में शामिल हुआ था, जिसका नेतृत्व गावी कर रहा है, जो कि एक अंतरराष्ट्रीय टीका गठबंधन है।
चीनी अधिकारियों ने कहा कि उनका देश अभी 16 टीकों का फील्ड ट्रायल कर रहा है, जबकि उसने अपने टीके सीनोफार्म को सशर्त मंजूरी प्रदान की है और इसने पाकिस्तान सहित कई देशों को खुराक की आपूर्ति शुरू कर दी है।
गौरतलब है कि हाल ही में चीन में नकली टीके के खिलाफ कार्रवाई के दौरान 80 से अधिक लोग गिरफ्तार किए गए थे। दरअसल, टीके की शीशी में सलाइन का पानी भरा हुआ पाया गया था। कुछ नकली टीके कथित तौर पर अफ्रीकी देशों को भेजे गए हैं। कोवैक्स को टीके मुहैया करने की चीन की घोषणा से पहले ही भारत ने कई देशों को टीके की आपूर्ति की है।
वहीं, चीन ने घोषणा की है कि वह श्रीलंका को 3 लाख टीकों की आपूर्ति करेगा, जबकि भारत ने हाल ही में 5 लाख खुराक कोलंबो भेजी थी। चीन ने नेपाल, मालदीव और ब्राजील को भी टीके की आपूर्ति करने की पेशकश की है। हालांकि, ये देश भारत से टीकों की पहली खेप पहले ही प्राप्त कर चुके हैं।
दक्षिण अफ्रीका ने पुणे स्थित सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया द्वारा निर्मित कोविशील्ड टीके की 10 लाख खुराक प्राप्त की है। दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति सिरील रामफोस ने घोषणा की है कि उनका देश इस महीने के अंत में भारत से और पांच लाख खुराक प्राप्त करने की उम्मीद कर रहा है।
जॉर्जटाउन विश्वविद्यालय में ओनील इंस्टीट्यूट फॉर नेशनल ऐंड ग्लोबल हेल्थ लॉ के निदेशक लॉरेंस गोस्टीन ने एससीएमपी से कहा है कि विश्व को टीका वितरण करने में भारत के अग्रणी बनने की संभावना है, खासतौर पर निम्न एवं मध्यम आय वाले देशों के लिए इसकी आपूर्ति करने में।