परमाणु हथियारों को असल खतरा आतंकियों से नहीं, पाक सेना से

Webdunia
गुरुवार, 13 अक्टूबर 2016 (10:33 IST)
वॉशिंगटन। भारत के पूर्व राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार शिवशंकर मेनन ने कहा है कि पाकिस्तान के परमाणु हथियारों को असल खतरा आतंकवादी संगठनों से नहीं बल्कि उसकी सेना के भीतर मौजूद अस्थिर तत्वों से है।
 
मेनन ने कहा कि आतंकवादी के पास तबाही मचाने के लिए अपेक्षाकृत सस्ते एवं आसान माध्यम हैं। परमाणु हथियार जटिल उपकरण हैं जिनका प्रबंधन करना, इस्तेमाल करना एवं उन्हें पहुंचाना मुश्किल होता है और इसके लिए उच्च स्तर के कौशल की आवश्यकता होती है।
 
मेनन ने अपनी पुस्तक 'च्वॉइसेस : इनसाइड द मेकिंग ऑफ इंडियाज फॉरेन पॉलिसी' में कहा है कि मेरे हिसाब से (परमाणु हथियारों को) असल खतरा अंदर के लोगों, किसी पाकिस्तानी पायलट या किसी ऐसे ब्रिगेडियर से है, जो आदेश दिए जाने पर या उसके बिना ही परमाणु जिहाद शुरू करने का निर्णय लेते हैं तथा विश्व में एकमात्र पाकिस्तान का ऐसा परमाणु हथियार कार्यक्रम है जिस पर केवल सेना का नियंत्रण है।
 
मेनन ने कहा कि इस बात के मजबूत कारण हैं कि किसी अन्य देश ने इस मार्ग पर चलने का विकल्प क्यों नहीं चुना तथा भारत के पास मौजूद परमाणु नियंत्रण इसकी राष्ट्रीय सुरक्षा में योगदान देते हैं ताकि इस अनिश्चित एवं अराजक दुनिया में अन्य देश भारत को परमाणु हथियारों को लेकर ब्लैकमेल करने या उस पर दबाव बनाने की कोशिश न कर सके। 
 
उन्होंने कहा कि परमाणु हथियारों से संपन्न कुछ निश्चित देशों के विपरीत भारत के परमाणु हथियार सैन्य संतुलन के लिए नहीं है, न ही परंपरागत सैन्य संदर्भों में किसी प्रकार की कथित हीनभावना को दूर करने के लिए इनका निर्माण किया गया है और न ही युद्ध के मैदान पर संचालनात्मक सैन्य आवश्यकता या कुछ सामरिक उद्देश्यों की पूर्ति के लिए ऐसा किया गया है। 
 
मेनन ने अपनी पुस्तक में चेताया कि भारत की 'परमाणु हथियारों का पहले इस्तेमाल नहीं करने' की घोषित नीति है लेकिन यदि पाकिस्तान भारत की घोषित रेड लाइन को पार करके उसके खिलाफ यहां तक कि पाकिस्तान में भारतीय बलों के खिलाफ सामरिक परमाणु हथियारों का इस्तेमाल करेगा तो यह भारत द्वारा बड़े स्तर पर पहले हमला करने के दरवाजे प्रभावी रूप से खोल देगा।
 
उन्होंने कहा कि पाकिस्तान का सामरिक परमाणु हथियार इस्तेमाल भारत को उसके खिलाफ व्यापक स्तर पर पहले हमला करने के लिए स्वतंत्र कर देगा तथा भारत जैसे देश के पास युद्ध के इतर प्रतिक्रिया देने के कई अन्य माध्यम भी हैं। (भाषा)
 
Show comments

जरूर पढ़ें

देश में इस साल कैसा रहेगा मानसून, क्या रहेगा अल नीनो का खतरा, IMD ने बताया किन राज्यों में होगी भरपूर बारिश

बाबा रामदेव के खिलाफ दिग्विजय सिंह ने खोला मोर्चा, शरबत जिहाद वाले बयाान पर FIR दर्ज करने की मांग

National Herald Case : सोनिया, राहुल और पित्रोदा पर मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप, नेशनल हेराल्ड मामले में ED की पहली चार्जशीट, कांग्रेस बोली- धमका रहे हैं मोदी और शाह

DU में गर्मी से बचने का देशी तरीका, प्रिसिंपल ने क्लास की दीवारों पर लीपा गोबर, छात्रसंघ अध्यक्ष बोले- अपने ऑफिस का AC हटवा लेंगी मैडम

2 दिन की तेजी से निवेशक हुए मालामाल, 18.42 लाख करोड़ रुपए बढ़ी संपत्ति, किन कंपनियों के शेयरों में रही गिरावट

सभी देखें

नवीनतम

Yes Bank को आयकर विभाग ने थमाया 244 करोड़ का नोटिस

दामाद के साथ क्यों भागी थी सास, सुनाई पूरी कहानी, पति को लेकर किया हैरान करने वाला खुलासा

Asus ने लॉन्च किए AI ऑपरेटेट 3 लैपटॉप, जानिए कीमत और फीचर्स

चीन को भारी पड़ा अमेरिका को जवाब देना, अब ट्रंप सरकार ने लगाया 245% टैरिफ

50 लाख की पूंजी 2000 करोड़ की कैसे हो गई, National Herald मामले में ED की चार्जशीट पर असम के CM का बयान

अगला लेख