इस्लामाबाद। शरीफ परिवार को बड़ी राहत प्रदान करते हुए बुधवार को पाकिस्तान की एक अदालत ने भ्रष्टाचार के एक मामले में पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ, उनकी पुत्री और दामाद की जेल की सजा निलंबित कर दी। अदालत ने उन्हें उच्च सुरक्षा वाली जेल से रिहा करने का भी आदेश दिया है।
इस्लामाबाद उच्च न्यायालय में दो न्यायाधीशों की एक पीठ ने शरीफ (68), उनकी पुत्री मरियम और दामाद कैप्टन (सेवानिवृत्त) मुहम्मद सफदर की याचिकाओं की सुनवाई की। इन याचिकाओं में उन्होंने अपनी दोषसिद्धि को चुनौती दी है। यह मामला लंदन में महंगे फ्लैटों की खरीद से संबंधित है।
न्यायमूर्ति अतहर मिनल्ला ने फैसला पढ़ा और उन्हें छह जुलाई को जवाबदेही अदालत द्वारा सुनाई गई सजा निलंबित कर दी। एवेनफील्ड संपत्ति मामले में शरीफ, मरियम और सफदर को क्रमश: 11 साल, आठ साल और एक साल की सजा सुनाई गई है। पीठ ने तीनों को रावलपिंडी की अडियाला जेल से रिहा करने का आदेश दिया।
अदालत ने शरीफ, मरियम और सफदर को पांच-पांच लाख रुपए का मुचलका जमा कराने का निर्देश दिया है।
अदालत ने राष्ट्रीय जवाबदेही ब्यूरो (एनएबी) के इस अनुरोध को खारिज कर दिया कि पहले याचिकाओं की विचारनीयता पर फैसला किया जाए। पीठ ने देर करने की रणनीति को लेकर एनएबी के वकीलों पर जुर्माना भी लगाया था।
इससे पहले सोमवार को उच्चतम न्यायालय ने भी एनएबी की खिंचाई की थी। न्यायालय ने एवेनफील्ड फैसले के खिलाफ शरीफ परिवार की याचिकाओं की सुनवाई करने के उच्च न्यायालय के फैसले को चुनौती देने वाली याचिका को खारिज कर दिया था।
प्रधान न्यायाधीश साकिब निसार ने एनएबी याचिका को महत्वहीन बताया और भ्रष्टाचार विरोधी निकाय पर 20,000 रुपए का जुर्माना लगाया।
शहबाज शरीफ, परवेज राशिद और खुर्रम दस्तगीर सहित पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज के कई नेता सुनवाई के दौरान अदालत में मौजूद थे।
शरीफ ने पिछले साल पाकिस्तान के प्रधानमंत्री के रूप में इस्तीफा दे दिया था। उच्चतम न्यायालय ने उन्हें अयोग्य घोषित कर दिया था और फैसला दिया था कि पनामा मामले में उनके तथा उनके परिवार के खिलाफ भ्रष्टाचार के मामले दायर किए जाएंगे।