लाहौर। पाकिस्तान किस कदर नापाक हरकतें कर रहा है, इसका ताजा प्रमाण गुरुवार को देखने को मिला। द्विपक्षीय संबंधों में तनाव के बीच पाकिस्तान ने विदेश मंत्रालय से पूर्वानुमति नहीं लेने पर यहां एक प्रशिक्षण संस्थान में भारतीय उच्चायुक्त अजय बिसारिया का निर्धारित भाषण आखिरी मिनट में रद्द कर दिया।
इस घटनाक्रम से संबंधित एक अधिकारी ने बताया कि भारतीय उच्चायुक्त बिसारिया को नेशनल स्कूल ऑफ पब्लिक पॉलिसी (एनएसपीपी) में भाषण देने के लिए आमंत्रित किया गया था। प्रशासनिक सेवाओं के अधिकारियों को प्रशिक्षण देने वाला यह संस्थान अकादमिक विद्वानों, पेशेवरों और गणमान्य अतिथियों को नियमित रुप से अतिथि भाषण के लिए आमंत्रित करता है।
अधिकारी ने कहा, ‘लाहौर के एनएसपीपी ने बिसारिया को 4 अक्टूबर को अतिथि भाषण के लिए आमंत्रित किया था लेकिन भारतीय उच्चायोग को बाद में बताया गया कि उनका भाषण रद्द कर दिया गया है। आयोग को उनके भाषण के नए कार्यक्रम की सूचना दे दी जाएगी।’
सूत्रों ने बताया कि एनएसपीपी प्रबंधन को ऊपर से आदेश मिलने के बाद बिसारिया का भाषण रद्द करना पड़ा। अधिकारी ने कहा, ‘प्रबंधन को बताया गया कि किसी भी राजदूत को अतिथि भाषण के लिए आमंत्रित करने के मामले में विदेश मंत्रालय से कम से कम मंजूरी ले ली जाए।’
इससे पहले बिसारिया को हसन अब्दल में 'गुरुद्वारा पंजा साहिब' नहीं जाने दिया गया था। पाकिस्तान सरकार ने दावा किया था कि बिसारिया को सुरक्षा कारणों से गुरुद्वारा जाने से इसलिए रोक दिया गया था क्योंकि भारत के सिख यात्री उनसे मिलना नहीं चाहते थे।
वर्ष 2016 में पाकिस्तान के आतंकवादी संगठनों द्वारा हमला करने और भारत द्वारा पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में सर्जिकल स्ट्राइक करने के बाद दोनों देशों के रिश्ते तनावपूर्ण हो गए हैं।
पिछले ही महीने भारत ने जम्मू कश्मीर में तीन पुलिसकर्मियों की नृशंस हत्या और पाकिस्तान द्वारा बुरहान वानी का महिमामंडन करते हुए डाक टिकट जारी करने का हवाला देते हुए न्यूयॉर्क में दोनों देशों के विदेश मंत्रियों के बीच बातचीत स्थगित कर दी थी। पाकिस्तान ने कल कहा था कि सिख श्रद्धालुओं के लिए करतारपुर सीमा को खोलना दोनों देशों के बीच वार्ता की शुरुआत से जुड़ा है।