विधानसभा चुनावों के नज़दीक आते ही राजनीतिक समीकरण बनते-बिगड़ते दिख रहे हैं। जैसे ही भाजपा हाईकमान ने केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान को मध्यप्रदेश का चुनाव प्रभारी बनाया तो भागवत कथा करने वाले आरएसएस के करीबी संत उत्तम स्वामी का नाम सुर्खियों में आ गया।
यह नाम सुर्खियों में आते ही लगने लगा कि मालवा की 48 सीटों पर टिकट वितरण में स्वामी जी का खासा रोल हो सकता है क्योंकि स्वामी जी का मालवा से सीधा नाता है और वे नीमच और मंदसौर तो आते-जाते ही रहते हैं। अब इस कनेक्शन पर विस्तार से बात करें तो केंद्रीय मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान और उत्ताम स्वामी का काफी करीबी मामला है।
पिछले साल स्वामीजी मंत्री के बुलावे पर उनके मकान के नागल पर उड़ीसा गए थे, जहां उनके मकान में बने मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा का कार्य स्वामीजी की देखरेख में हुआ था। उस कार्यक्रम के बाद स्वामीजी और केंद्रीय मंत्री का नाम सुर्खियों में आया था। केंद्रीय मंत्री प्रधान की नियुक्ति उनकी राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह से नज़दीकियों के चलते हुई है। इससे साफ है कि वे सारे फैसले अमित शाह के बीहाफ पर लेंगे और सर्वोपरि भी होंगे।
जहां तक स्वामीजी की बात है तो उनका मालवा से निकट का नाता है। सबसे पहले वे चर्चाओं में तब आए थे जब नीमच नगर पालिका चुनाव में अध्यक्ष पद का उम्मीदवार वर्ष 2009 में उनके भक्त भाजपा नेता विनोद शर्मा की पत्नी श्रीमती जयश्री शर्मा को बनाया गया था, जबकि टिकट की लाइन में कई दिग्गज थे। उसके बाद स्वामीजी नीमच, मंदसौर, रतलाम, झाबुआ आना-जाना चलता रहा है। चूंकि स्वामीजी आदिवासियों के उत्थान के लिए भी काम करते हैं और संघ से जुड़े हैं, इसलिए भाजपा के नेताओं का भी उनसे सीधा जुड़ाव है।
सबसे खास बात यह की मंदसौर स्थित बंजारी बालाजी नामक स्थान पर हर साल वे हनुमान जयंती पर ज़रूर आते हैं। इस स्थान का विकास उनके खासमखास तपन भौमिक ने तब करवाया था, जब वे मंदसौर के संघ प्रचारक थे।
ऐसी स्थिति के चलते केंद्रीय मंत्री प्रधान के चुनाव प्रभारी बनने के बाद मालवा के टिकट वितरण में स्वामीजी की भूमिका महत्वपूर्ण मानी जा रही है और उनके साथ पर्यटन विकास निगम के चेयरमैन तपन भौमिक का भी अहम रोल माना जा रहा है क्योंकि तपन उज्जैन संभाग के संगठन मंत्री भी रह चुके हैं।