जिनेवा। दुनिया में जम्मू-कश्मीर में मानवाधिकार उल्लंघन का ढिंढोरा पीटने वाले पाकिस्तान खुद अपने ही एक प्रांत बलूचिस्तान में निर्मम अत्याचार व हत्याएं कर रहा है। इसी बात को लेकर बलूचिस्तान के मानवाधिकार कार्यकर्ताओं ने जिनेवा में पोस्टर अभियान चलाया है। बलूचिस्तान में लोगों के लापता होने और उनकी हत्या की बातें आम हो गई हैं।
जिनेवा के ब्रोकन चेयर स्मारक इलाके में बलूच मानवाधिकारी परिषद (बीएचआरसी) की तरफ से आयोजित 'बलूचों की हत्या बंद करो' अभियान ऐसे समय में चलाया गया, जब संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद का 42वां सत्र चल रहा था। जिनेवा में ब्रोकन चेयर एक स्मारक है और इसे स्विट्जरलैंड के कलाकार डैनियल बरसेट ने बनाया है। कई प्रदर्शन और धरने जिनेवा में इसी इलाके में आयोजित किए जाते हैं।
चीन-पाक ने बलूचिस्तान का पिछड़ापन बढ़ाया : बीएचआरसी के बयान के अनुसार पाक के अंदर बलूचिस्तान सबसे पिछड़ा इलाका है। चीन-पाकिस्तान आर्थिक कॉरिडोर परियोजना ने इस पिछड़ेपन को और भी बढ़ा दिया है। इससे खाली पाकिस्तान और चीन के लोगों के जीवन में ही सुधार होगा और बलूच पिछड़ते चले जाएंगे। बलूच क्षेत्र में प्रचुर मात्रा में मौजूद संसाधनों के दुरुपयोग और उससे लाभ कमाने का अवसर पाकिस्तान को ही मिलेगा।
सांस्कृतिक तबाही जारी : बलूचों के पोस्टर अभियान में काफी संख्या में लोगों के लापता होने और उनकी हत्याएं किए जाने के मामले को उजागर किया गया है। कहा गया कि आधिकारिक तौर पर जिसे द्विपक्षीय संपर्क, निवेश और वाणिज्य को बढ़ावा देने का प्रयास बताया जा रहा है, वह वास्तव में राज्य की तरफ से प्रायोजित सांस्कृतिक तबाही है।
बीएचआरसी के अनुसार पाकिस्तान की सेना गांवों में कत्लेआम करती है और वहां आग भी लगा देती है ताकि चीनी कॉलोनियों को वहां बसाया जा सके। जिन लोगों के घर नष्ट कर दिए गए हैं उन्हें पाकिस्तानी सेना के शिविरों के पास दयनीय हालत में रहने को विवश किया जा रहा है।