अगले तीन दशक में प्रजनन प्रक्रिया बदलने वाली है और लोगों को बच्चे पैदा करने के लिए सेक्स की जरूरत नहीं होगी। निकट भविष्य में महिला और पुरुष संतान के लिए अपनी पसंद का भ्रूण चुन सकेंगे।
यह दावा किया है स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर हैंक ग्रीली ने। स्टैन्फर्ड लॉ स्कूल के सेंटर फॉर लॉ ऐंड द बायोसाइंसेज के डायरेक्टर हैंक की मानें तो अगले तीस सालों में बच्चे पैदा करने के लिए सेक्स की जरूरत नहीं होगी। अभिभावकों के पास यह विकल्प होगा कि वे अपनी पसंद का भ्रूण चुन सकें। पैंरट्स के पास ऑप्शन होगा कि वे अपने डीएनए से लैब में तैयार किए गए अलग-अलग तरह के भ्रूण में से अपनी पसंद का कोई भी भ्रूण चुन सकते हैं।
हैंक कहते हैं कि हालांकि यह प्रक्रिया वर्तमान में मौजूद है, लेकिन आने वाले समय में यह बेहद सस्ती हो जाएगी और सभी की पहुंच के भीतर होगी। ज्यादातर कपल्स किसी भी तरह की बीमारी से बचने के लिए इस प्रक्रिया को अपनाना शुरू कर देंगे।
क्या है प्रक्रिया : इस प्रोसेस में फीमेल स्किन का सैंपल लेकर पहले तो स्टेम सेल बनाया जाता है और फिर इसका इस्तेमाल अंडे को बनाने में होता है। इसके बाद इन अंडों को स्पर्म सेल्स से फर्टिलाइज करवाकर भ्रूण तैयार होता है। हैंक के अनुसार इस प्रक्रिया के साइड इफेक्ट भी हैं। वे कहते हैं कि इस प्रक्रिया का सबसे नकारात्मक पहलू यह होगा कि तलाकों की संख्या बढ़ जाएगी।