लाहौर। पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान ने बृहस्पतिवार को आरोप लगाया कि मौजूदा प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ, गृहमंत्री और सेना के एक जनरल ने उनकी हत्या की कोशिश की नाकाम साजिश रची।
इमरान के करीबी सहयोगी असद उमर ने एक वीडियो बयान जारी कर यह आरोप लगाया। गृहमंत्री राणा सनाउल्लाह ने इमरान खान के इन आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि सरकार जांच में हर तरह का सहयोग देने को तैयार है।
पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान के विरोध मार्च के दौरान बृहस्पतिवार को पंजाब प्रांत में उनके कंटेनर-ट्रक पर हमला किया गया, जिसमें उनके पैर में गोली लगी है, लेकिन वह खतरे से बाहर हैं। इस हमले में एक व्यक्ति की मौत हो गई वहीं खान (70) की पार्टी ने दावा किया कि यह हत्या का प्रयास था।
पंजाब के वजीराबाद कस्बे के अल्लाहवाला चौक के पास यह घटना उस समय हुई जब खान जल्दी चुनाव कराने की अपनी मांग को लेकर इस्लामाबाद तक मार्च का नेतृत्व कर रहे थे। पंजाब पुलिस ने एक बयान में कहा कि इस घटना में 7 लोग घायल हो गए और एक व्यक्ति की मौत हो गई तथा एक संदिग्ध को हिरासत में लिया गया है।
पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के वरिष्ठ नेता असद उमर ने एक वीडियो बयान में कहा कि पार्टी अध्यक्ष इमरान खान ने तीन संदिग्धों का नाम लिया है, जो आज के हमले के पीछे हो सकते हैं।
असद उमर ने कहा कि इमरान खान ने हमें फोन किया और अपनी ओर से देश को यह संदेश देने के लिए कहा। उन्होंने कहा कि उनका मानना है कि तीन लोग- प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ, गृहमंत्री सनाउल्लाह और मेजर जनरल फैसल नसीर उन पर हमले की साजिश में शामिल थे।
जियो टीवी के अनुसार हमलावर की पहचान नावेद के रूप में हुई है। चैनल ने कहा कि करीब 20 साल के हमलावर ने सलवार-कमीज पहन रखी थी और वह खान की गाड़ी के साथ चल रहा था और उसने बाईं ओर से गोलीबारी की। पुलिस द्वारा पकड़े गए संदिग्ध ने कहा कि वह खान को मारना चाहता था, क्योंकि वह जनता को गुमराह कर रहे हैं।
याचिका पर फैसला सुरक्षित : दूसरी ओर, इस्लामाबाद उच्च न्यायालय ने बृहस्पतिवार को कहा कि वह किसी को भी देश की शांति भंग करने की अनुमति नहीं देगा। साथ ही इसने पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ पार्टी की उस याचिका पर फैसला सुरक्षित रख लिया, जिसमें संघीय राजधानी में महारैली और धरना-प्रदर्शन की अनुमति मांगी गई है।
उच्च न्यायालय ने पीटीआई की उस याचिका पर सुनवाई करते हुए यह टिप्पणी की, जिसमें संघीय सरकार को इस्लामाबाद में शीघ्र आम चुनाव की मांग को लेकर महारैली और धरना-प्रदर्शन की अनुमति न देने का आरोप लगाया गया था।
पीटीआई ने 31 अक्टूबर को एक याचिका दायर कर इस्लामाबाद में महारैली और धरना प्रदर्शन करने की अनुमति मांगी थी तथा प्रदर्शनकारियों को अतिरिक्त सुरक्षा मुहैया कराने की भी मांग की थी। आज की सुनवाई के दौरान, संघीय सरकार ने एक मसौदा हलफनामा पेश किया जिसमें 39 शर्तें थीं, जिसमें शीर्ष अदालत से पीटीआई को इस्लामाबाद में अपना विरोध प्रदर्शन रोकने की मांग की गई थी। वर्तमान नेशनल असेंबली का कार्यकाल अगस्त 2023 में समाप्त होगा।