कोपेनहेगन। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी बुधवार को डेनमार्क में दूसरे भारत-नॉर्डिक शिखर सम्मेलन में शामिल हुए। यह सम्मेलन मुख्य रूप से महामारी के बाद आर्थिक सुधार, जलवायु परिवर्तन, नवीकरणीय ऊर्जा और वैश्विक सुरक्षा परिदृश्य पर केंद्रित है।
शिखर सम्मेलन में डेनमार्क, फिनलैंड, आइसलैंड, नॉर्वे और स्वीडन के प्रधानमंत्रियों ने भी भाग लिया। पहला भारत-नॉर्डिक शिखर सम्मेलन 2018 में स्टॉकहोम में आयोजित किया गया था। भारत और नॉर्डिक देशों ने यूक्रेन में युद्ध के व्यापक क्षेत्रीय और वैश्विक प्रभावों पर चर्चा की और इस मुद्दे पर करीबी संपर्क बनाए रखने पर सहमति जताई।
दूसरे भारत-नॉर्डिक शिखर सम्मेलन में यह मुद्दा प्रमुखता से उठा। एक संयुक्त बयान में कहा गया है कि प्रधानमंत्रियों ने यूक्रेन में जारी मानवीय संकट के बारे में अपनी गंभीर चिंता व्यक्त की। इसमें कहा गया है कि उन्होंने यूक्रेन में नागरिकों के मारे जाने की निंदा की।
उन्होंने युद्ध को तत्काल समाप्त करने की आवश्यकता को दोहराया। बयान में कहा गया है कि प्रधानमंत्रियों ने इस बात पर जोर दिया कि समसामयिक वैश्विक व्यवस्था संयुक्त राष्ट्र चार्टर, अंतरराष्ट्रीय कानून और देशों की संप्रुभता और क्षेत्रीय अखंडता पर आधारित है।
इसमें कहा गया है कि नॉर्डिक देशों के प्रधानमंत्रियों ने रूसी बलों द्वारा यूक्रेन पर हमले की कड़ी निंदा की। बयान में कहा गया है कि भारत और नॉर्डिक देशों ने नियम आधारित अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था के लिए अपने समर्थन की पुष्टि की।
बयान में कहा गया है कि सम्मेलन में वैश्विक चुनौतियों का अधिक प्रभावी ढंग से सामना करने की प्रतिबद्धता जताई गई। इसमें कहा गया है कि नॉर्डिक देशों ने सुरक्षा परिषद के लिए भारत की स्थायी सदस्यता के लिए अपना समर्थन दोहराया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का तीन दिवसीय यूरोप दौरा आज खत्म हो जाएगा। वे दौरे के आखिरी दिन कुछ घंटों के लिए फ्रांस में मौजूद रहेंगे और फ्रांस के राष्ट्रपति मैक्रों से बात करेंगे।