नई दिल्ली। प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) ने शनिवार को भारत-स्वीडन जलवायु पहल में शामिल होने के अमेरिका के निर्णय का स्वागत किया और कहा कि इससे पेरिस समझौते के लक्ष्यों को हासिल करने में मदद मिलेगी। भारत-स्वीडन जलवायु पहल औद्योगिक परिवर्तन के लिए नेतृत्व (लीडआईटी) करने वाले देशों का समूह है।
जलवायु परिवर्तन पर अमेरिका की ओर से आयोजित डिजिटल शिखर सम्मेलन को संबोधित करते हुए अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने कहा था कि जलवायु और ऊर्जा संबंधी लक्ष्यों को हासिल करने के लिए वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ काम करने को उत्सुक हैं। उन्होंने कहा था कि यह दोनों देशों के द्विपक्षीय संबंधों का मजबूत आधार बनेगा।
उन्होंने कहा, औद्योगिक क्षेत्र सहित विभिन्न क्षेत्रों में कार्बन उत्सर्जन से मुक्ति के प्रयासों के लिए हम स्वीडन और भारत के साथ जुड़ेंगे।
व्हाइट हाउस ने एक ट्वीट में कहा कि अमेरिका लीडआईटी में स्वीडन और भारत के साथ जुड़ रहा है।
इसने कहा, मिलकर काम कर हम जलवायु संकट समाधान के वास्ते उद्योग परिवर्तन के लिए गति तैयार कर सकते हैं।
इसके बाद पीएमओ ने ट्वीट कर कहा, औद्योगिक परिवर्तन के लिए नेतृत्व (लीडआईटी) समूह में अमेरिका के शामिल होने का स्वागत है। इससे हमें पेरिस समझौते के लक्ष्यों को प्राप्त करने, प्रतिस्पर्द्धा बढ़ाने तथा रोजगार के नए अवसर पैदा करने में मदद मिलेगी।
स्वीडन के प्रधानमंत्री स्टीफन लोफवेन ने कहा, यह बहुत ही संतोषजनक है कि अमेरिका और राष्ट्रपति जो. बाइडन स्वीडन-भारत पहल लीडआईटी में शामिल हुए हैं।
उन्होंने कहा, भारी उद्योग और परिवहन क्षेत्र की वैश्विक उत्सर्जन में लगभग 30 प्रतिशत हिस्सेदारी है। जलवायु परिवर्तन के खिलाफ लड़ाई में इन क्षेत्रों का पुनर्गठन एक आवश्यक हिस्सा है।
लोफवेन ने कहा, 2050 तक भारी उद्योगों को जीवाश्म मुक्त और शून्य उत्सर्जन स्तर तक ले जाकर पेरिस समझौते के लक्ष्यों को हासिल करने के लिए मैं अमेरिका और अन्य के साथ काम करने को लेकर आशान्वित हूं।
भारत में स्वीडन के राजदूत क्लास मोलिन ने कहा कि यह 2019 में न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र जलवायु कार्रवाई शिखर सम्मेलन में स्वीडन और भारत के प्रधानमंत्रियों द्वारा शुरू की गई पहल लीडआईटी के लिए एक बड़ा कदम है।
मोलिन ने कहा, प्रधानमंत्रियों ने हाल में अपने वर्चुअल शिखर सम्मेलन में भी पहल के प्रति अपनी कटिबद्धता व्यक्त की थी। अब जब अमेरिका शामिल हो रहा है, तो हम उम्मीद करते हैं कि और अधिक देश तथा कंपनियां भारी उद्योगों को जीवाश्म मुक्त और कार्बन मुक्त दिशा में ले जाने के लिए पहल से जुड़ेंगे।
स्वीडन के दूतावास ने एक बयान में कहा कि नेतृत्व समूह विश्व आर्थिक फोरम के सहयोग से विकसित किया गया है और यह 30 से अधिक देशों एवं कंपनियों को एक मंच पर लेकर आया है जो पेरिस समझौते के लक्ष्यों के अनुरूप 2050 तक जीवाश्म मुक्त और शून्य कार्बन स्तर हासिल करने के लिए मिलकर काम कर रहे हैं।(भाषा)