पोप फ्रांसिस के अंतिम संस्कार में दुनियाभर के शीर्ष नेता एवं आम कैथोलिक बड़ी संख्या में हुए शामिल

वेबदुनिया न्यूज डेस्क
शनिवार, 26 अप्रैल 2025 (16:02 IST)
Pope Francis' funeral: पोप फ्रांसिस (Pope Francis) के अंतिम संस्कार कार्यक्रम में विश्व नेताओं और कैथोलिक अनुयायियों (Catholic followers) ने बड़ी संख्या में एकत्र होकर शनिवार को उन्हें विदाई दी। इस कार्यक्रम में पोप के रूप में फ्रांसिस की प्राथमिकताएं और पादरी के रूप में उनकी इच्छाएं प्रतिबिंबित हुईं। कई देशों के राष्ट्रपति और राजकुमार 'सेंट पीटर्स स्क्वायर' में पोप के अंतिम संस्कार कार्यक्रम में शामिल हुए तथा कैदी एवं प्रवासी बेसिलिका में उनका स्वागत करेंगे, जहां उन्हें दफनाया जाएगा।
 
अंतिम संस्कार में 2 लाख से अधिक लोग शामिल हुए। सेंट पीटर्स बेसिलिका से फ्रांसिस के ताबूत को स्क्वायर में वेदी के सामने लाने के लिए जुलूस की शुरुआत के संकेत के तौर पर घंटियां बजाई गईं। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की सहित गणमान्य व्यक्ति वेदी के एक तरफ बैठे थे और लाल वस्त्र धारण किए कार्डिनल दूसरी ओर बैठे थे। अंतिम संस्कार वेटिकन में 9 दिवसीय आधिकारिक शोक अवधि की शुरुआत का प्रतीक है।ALSO READ: पोप फ्रांसिस का अंतिम संस्कार शनिवार सुबह 10 बजे होगा, बुधवार से अंतिम दर्शन शुरू
 
फ्रांसिस ने पिछले साल वेटिकन की परंपराओं और रीति-रिवाजों में बदलाव कर उन्हें सरल बनाते समय अपने अंतिम संस्कार समारोह को लेकर अपनी इच्छा बताई थी। वेटिकन ने कहा कि उनका उद्देश्य पोप की भूमिका को केवल एक पादरी के रूप में दिखाना था, न कि इस दुनिया के एक शक्तिशाली व्यक्ति के रूप में।
 
शुक्रवार रात पोप के ताबूत में रखे गए उनके जीवन के आधिकारिक आदेश के अनुसार फ्रांसिस ने पोप के रूप में 12 साल में अपने पद के संबंध में आमूलचूल सुधार किए और पादरियों के सेवक होने पर जोर दिया। उन्होंने 2013 में अपने चयन के कुछ ही दिन बाद इस दिशा में काम करना शुरू कर दिया था।ALSO READ: जानिए, पोप फ्रांसिस से जुड़ी 7 बड़ी बातें...
 
कार्डिनल जियोवानी बतिस्ता रे ने पोप फ्रांसिस की प्रशंसा करते हुए उन्हें लोगों का पोप बताते हुए कहा कि वे ऐसे पादरी थे, जो अनौपचारिक एवं सहज शैली में हमारे बीच सबसे कमजोर लोगों से संवाद करना जानते थे। रे ने फ्रांसिस को लोगों के बीच रहने वाला पोप एवं सभी के लिए खुले दिल वाला करार दिया। उन्होंने कहा कि फ्रांसिस की जो आखिरी छवि कई लोगों के मन में है, वह ईस्टर रविवार को अंतिम आशीर्वाद देने और उसी 'स्क्वायर' में पोपमोबाइल (पोप का वाहन) से सलामी देने की है, जहां उनका अंतिम संस्कार किया गया।
 
राजकुमार विलियम और यूरोपीय राजघरानों के साथ राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू (President Draupadi Murmu) , ट्रंप, अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति जो बाइडन, वोलोदिमीर जेलेंस्की, संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुतारेस और यूरोपीय संघ के नेताओं ने 160 से अधिक आधिकारिक प्रतिनिधिमंडलों का नेतृत्व किया। अर्जेंटीना के राष्ट्रपति जेवियर माइली और फ्रांसिस के बीच भले ही खास मेलजोल नहीं था लेकिन पोप की राष्ट्रीयता के कारण माइली को गौरवपूर्ण स्थान दिया गया।ALSO READ: मैं कौन होता हूं निर्णय करने वाला, पोप फ्रांसिस ने क्‍यों कहा था ऐसा
 
सेंट पीटर्स स्क्वायर के आस-पास की सड़कों पर विशाल टेलीविजन स्क्रीन लगाई गईं ताकि लोग पोप के अंतिम संस्कार कार्यक्रम को देख सकें। फ्रांसिस के ताबूत को उस पोपमोबाइल में रखा गया जिसका इस्तेमाल उन्होंने 2015 में फिलीपीन की अपनी यात्रा के दौरान किया था। इस दौरान सुरक्षा के कड़े प्रबंध किए गए।
 
पीएम मोदी बोले कि दुनिया पोप फ्रांसिस की समाजसेवा को हमेशा याद रखेगी: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) ने शनिवार को नई दिल्ली में कहा कि दुनिया पोप फ्रांसिस की समाज के प्रति सेवा को हमेशा याद रखेगी। पोप फ्रांसिस के अंतिम संस्कार में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू भी वेटिकन सिटी में विश्व नेताओं के साथ शामिल हुईं।ALSO READ: कौन बनेगा वेटिकन का अगला पोप? यह 7 नाम हैं सबसे आगे
 
पोप फ्रांसिस को श्रद्धांजलि देते हुए मुर्मू ((President Draupadi Murmu) की तस्वीरें साझा करते हुए मोदी ने कहा कि राष्ट्रपतिजी ने भारत के लोगों की ओर से पोप फ्रांसिस को श्रद्धांजलि अर्पित की। दुनिया हमेशा समाज के लिए उनकी सेवा को याद रखेगी। पोप फ्रांसिस का सोमवार को निधन हो गया। वे 88 वर्ष के थे।(भाषा)
 
Edited by: Ravindra Gupta

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