Global South Summit : प्रधानमंत्री मोदी बोले- गंभीर चुनौतियों से निपटने के लिए एकसाथ मिलकर काम करें

वेबदुनिया न्यूज डेस्क
शनिवार, 17 अगस्त 2024 (19:00 IST)
Prime Minister Modi addressed the Global South Conference : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दुनियाभर में अनिश्चितताओं के परिणामों पर चिंता जताते हुए शनिवार को ‘ग्लोबल साउथ’ के देशों से खाद्य एवं ऊर्जा सुरक्षा संकट एवं आतंकवाद की चुनौतियों से निपटने के लिए एकजुट होकर काम करने का आह्वान किया।
 
मोदी ने भारत द्वारा डिजिटल रूप से आयोजित ‘वॉयस ऑफ ग्लोबल साउथ’ सम्मेलन के तीसरे संस्करण के शुरुआती भाषण में कहा कि भारत ‘सोशल इम्पैक्ट फंड’ में 2.5 करोड़ डॉलर का प्रारंभिक योगदान देगा, जिसका उद्देश्य ‘ग्लोबल साउथ’ में डिजिटल सार्वजनिक बुनियादी ढांचा (डीपीआई) विकसित करना है।
 
उन्होंने आपसी व्यापार और समावेशी विकास को बढ़ावा देने तथा सतत विकास लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए ‘ग्लोबल साउथ’ या विकासशील देशों के साथ अपनी क्षमताओं को साझा करने की भारत की प्रतिबद्धता की पुष्टि की। मोदी ने कहा कि दुनियाभर में अनिश्चतता का माहौल है और दुनिया अब भी पूरी तरह से कोविड-19 महामारी के प्रभाव से बाहर नहीं आई है।
ALSO READ: किसानों के मुद्दे पर संकटमोचक बन पाएंगे नरेंद्र मोदी के सिपहसालार शिवराज सिंह चौहान?
उन्होंने कहा कि युद्ध के कारण विकास को नई चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। उन्होंने कहा, हम पहले ही जलवायु परिवर्तन की चुनौतियों का सामना कर रहे हैं और अब स्वास्थ्य सुरक्षा, खाद्य सुरक्षा और ऊर्जा सुरक्षा को लेकर चिंताएं हैं। प्रधानमंत्री ने कहा, आतंकवाद, उग्रवाद और अलगाववाद हमारे समाज के लिए गंभीर खतरा बने हुए हैं। प्रौद्योगिकी विभाजन और प्रौद्योगिकी से जुड़ी नई आर्थिक व सामाजिक चुनौतियां भी सामने आ रही हैं।
 
हम एक-दूसरे के अनुभवों से सीखें : उन्होंने कहा कि पिछली शताब्दी में स्थापित वैश्विक शासन और वित्तीय संस्थान वर्तमान शताब्दी की चुनौतियों का सामना करने में असमर्थ हैं। उन्होंने कहा, यह समय की मांग है कि ग्लोबल साउथ के देश एकजुट हों, एक आवाज में खड़े हों और एक-दूसरे की ताकत बनें। आइए, हम एक-दूसरे के अनुभवों से सीखें।
 
मोदी ने कहा, आइए हम अपनी क्षमताओं को साझा करें। आइए, हम सब मिलकर अपने संकल्पों को सिद्ध करें। आइए, हम सब मिलकर दो-तिहाई मानवता को पहचान दिलाएं। उन्होंने कहा कि पिछले कुछ वर्षों में भारत ‘ग्लोबल साउथ’ या विकासशील देशों विशेष रूप से अफ्रीकी महाद्वीप की चिंताओं, चुनौतियों और आकांक्षाओं को उजागर करते हुए खुद को एक अग्रणी आवाज के रूप में स्थापित कर रहा है।
ALSO READ: पीएम नरेंद्र मोदी के बयान के बाद दहशत में पाकिस्‍तान, बॉर्डर पर तैनात किया अतिरिक्‍त फोर्स
उन्होंने कहा कि पिछले साल जी20 अध्यक्ष के रूप में भारत ने ‘ग्लोबल साउथ’ को लाभ पहुंचाने के उद्देश्य से समावेशी विकास, डिजिटल नवाचार, जलवायु लचीलापन और न्यायसंगत वैश्विक स्वास्थ्य पहुंच जैसे मुद्दों पर ध्यान केंद्रित किया। मोदी ने डिजिटल सार्वजनिक बुनियादी ढांचा (डीपीआई) के क्षेत्र में सहयोग के महत्व पर भी जोर दिया।
<

Delivering my closing remarks at the Voice of Global South Summit. https://t.co/fe3SNFlBrL

— Narendra Modi (@narendramodi) August 17, 2024 >
प्रधानमंत्री ने कहा, समावेशी विकास में डिजिटल सार्वजनिक बुनियादी ढांचा (डीपीआई) का योगदान किसी क्रांति से कम नहीं है। हमारी जी20 की अध्यक्षता में बनी ग्लोबल डीपीआई रिपोजिटरी, डीपीआई पर अब तक की पहली बहुपक्षीय सर्वसम्मति है। उन्होंने कहा, हमें खुशी है कि ग्लोबल साउथ के 12 साझेदारों के साथ इंडिया स्टैक साझा करने संबंधी समझौते हो चुके हैं। 
 
भारत देगा 2.5 करोड़ डॉलर का योगदान : उन्होंने कहा, ग्लोबल साउथ में डीपीआई में तेजी लाने के लिए, हमने सोशल इम्पैक्ट फंड बनाया है। भारत इसमें 2.5 करोड़ डॉलर का शुरुआती योगदान देगा। मोदी ने ग्लोबल साउथ के साथ सहयोग के लिए विभिन्न रूपरेखा को भी सूचीबद्ध किया। उन्होंने कहा, पिछले कुछ वर्षों में बुनियादी ढांचा, डिजिटल और ऊर्जा कनेक्टिविटी के क्षेत्रों में हमारा सहयोग बढ़ गया है।
 
ग्लोबल साउथ के विभिन्न देशों को यूपीआई से जोड़ने की पहल : मोदी ने कहा, ‘मिशन लाइफ’ के अंतर्गत हम न केवल भारत में बल्कि साझेदार देशों में छतों पर सौर ऊर्जा और नवीनीकरण ऊर्जा उत्पादन को प्राथमिकता दे रहे हैं। हमने वित्तीय समावेशन और अंतिम व्यक्ति तक आपूर्ति पर अपना अनुभव साझा किया है। उन्होंने कहा कि भारत ने ग्लोबल साउथ के विभिन्न देशों को ‘यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस’ (यूपीआई) से जोड़ने की पहल की है।
 
उन्होंने कहा, शिक्षा, क्षमता निर्माण और कौशल के क्षेत्रों में हमारी साझेदारी ने महत्वपूर्ण प्रगति की है। प्रधानमंत्री ने जी20 की अध्यक्षता के दौरान ग्लोबल साउथ को दी प्राथमिकता का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा, 2022 में जब भारत ने जी20 की अध्यक्षता संभाली थी तो हमने जी20 को एक नया आकार देने का संकल्प लिया था।
ALSO READ: ग्लोबल साउथ सम्मेलन विकास से जुड़े मुद्दों पर चर्चा का मंच बना : मोदी
उन्होंने कहा, ‘वॉयस ऑफ ग्लोबल साउथ’ सम्मेलन एक मंच बन गया जहां हमने विकास से जुड़ी समस्याओं और प्राथमिकताओं पर खुलकर चर्चा की। उन्होंने कहा कि भारत ने ‘ग्लोबल साउथ’ की अपेक्षाओं, आकांक्षाओं व प्राथमिकताओं के आधार पर जी-20 का एजेंडा बनाया और समावेशी व विकासोन्मुखी दृष्टिकोण से जी20 को आगे बढ़ाया है। मोदी ने कहा, इसका सबसे बड़ा उदाहरण वह ऐतिहासिक क्षण था जब अफ्रीकी संघ ने जी-20 की स्थाई सदस्यता संभाली।
 
उन्होंने कहा, वॉयस ऑफ ग्लोबल साउथ सम्मेलन एक ऐसा मंच है, जहां हम उन लोगों की जरूरतों, आकांक्षाओं को आवाज देते हैं, जिन्हें अभी तक अनसुना किया गया है। मुझे यकीन है कि हमारी ताकत, हमारी एकता में है और इसी एकता के बल पर हम नई दिशा की ओर बढ़ रहे हैं। (भाषा)
Edited By : Chetan Gour

सम्बंधित जानकारी

Show comments

जरूर पढ़ें

Maharashtra : शिंदे ने शंकाओं को किया दूर, देवेंद्र फडणवीस का रिएक्शन आया सामने

संभल हिंसा को लेकर पुराना वीडियो वायरल, गलत दावे के साथ किया जा रहा शेयर

मजाक बनकर रह गई प्रक्रिया, वक्फ बोर्ड संसदीय समिति से बाहर निकले विपक्षी सांसद, 1 घंटे बाद वापस लौटे

PAN 2.0 Project : कैसे बनेगा नया पैन कार्ड, कितनी लगेगी फीस, आखिर सरकार क्यों लाना चाहती है नया प्रोजेक्ट, सारे सवालों के जवाब

CM of Maharashtra : कैसे मान गए शिंदे, इतनी आसानी से क्यों दे दी CM की कुर्सी, क्या है पर्दे के पीछे की कहानी

सभी देखें

नवीनतम

Chhattisgarh : मुख्यमंत्री साय की अध्यक्षता में हुई बैठक, कैबिनेट ने लिए कई महत्वपूर्ण फैसले

अजमेर शरीफ दरगाह को शिव मंदिर बताने वाली याचिका कोर्ट ने मंजूर की, 20 दिसंबर को अगली सुनवाई

Kuno नेशनल पार्क से आई बुरी खबर, चीता नीरवा के 2 शावकों की मौत

BJP ने मल्लिकार्जुन खरगे से कहा- राहुल गांधी को बदलें EVM को नहीं

Maharashtra : शिंदे ने शंकाओं को किया दूर, देवेंद्र फडणवीस का रिएक्शन आया सामने

अगला लेख