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किस ‘बीमारी’ की वजह से एक घर में कैद है ‘प्र‍िंस ऑफ थाइलैंड’?

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नवीन रांगियाल

क‍िसी राजघराने के राजकुमार या प्र‍िंस अपनी मर्जी से जीते और रहते हैं लेक‍िन थाइलैंड के प्र‍िंस एक ऐसे राजकुमार हैं ज‍िसे अभी कैद में रहना पड़ रहा है। न उन्‍हें कि‍सी से म‍िलने की अनुमत‍ि है और न ही बाहर जाने की।

जर्मनी के अखबार बिल्ड के मुताबिक थाइलैंड के राजकुमार राजकुमार जिपांगकोर्न रश्मिजोति (15) जर्मनी में अपने पिता से दूर एक जेल जैसे घर में रहते हैं वो भी कैद‍ियों की तरह। हालांक‍ि उनके आसपास कई दर्जन नौकर चाकर हैं।

वहीं उनके पिता महावाजिरालॉन्गकोर्न (67) उनसे दूर एक होटल में सेल्फ आइसोलेट है। उनके प‍िता के साथ उनकी सेक्स स्लेव्स भी रहती हैं।

राजकुमार का जन्म 29 अप्रैल 2005 को हुआ था। उसकी मां राजकुमारी श्रीरश्मि (48) राजा की तीसरी पत्नी हैं और 2014 में उन्होंने राजा से तलाक ले लिया था। उन्हें तलाक के बाद राजा की तरफ से 40 करोड़ डॉलर मिले थे। लेकिन उन्‍हें बेटे की कस्टडी नहीं मिली थी।

अखबार के मुताबि‍क तलाक के बाद राजकुमार का उनकी मां से कोई संपर्क नहीं है। उनके पिता अपने बेटे से 40 मील दूर दक्षिणी राज्य बावरिया में कई सेक्स स्लेव्स के साथ रह रहे हैं।

दरअसल राजकुमार को एक बीमारी है इसी की वजह से उनके प‍िता ने उन्‍हें अपने से दूर रख रखा है। कहा जा रहा है क‍ि उनके पि‍ता को इस बीमारी की वजह से शर्म‍िंदगी उठानी पड़ती है इसल‍िए उन्‍होंने बेटे से दूरी बना ली है।

क्‍या बीमारी है राजकुमार को? 
अखबार के मुताब‍िक महल के पूर्व कर्मचारी ने बताया कि राजकुमार ऑटिस्टिक हैं। इसलिए उन्हें जर्मनी में रखा गया है। दरअसल आटिज्म एक न्यूरोलोलॉजिकल और विकास संबंधी विकार है। आटिज्म एक तरह की विकलांगता है, बीमारी नहीं। इसलिए आटिज्म कभी जाता नहीं है, आटिज्म बचपन में शुरू होता है और एक व्यक्ति के जीवन में अंत तक रहता है। यह उस क्षमता को प्रभावित करता है जिसके द्वारा एक व्यक्ति दूसरों के साथ कैसे काम और बातचीत करता है। कब हंसना है कब रोना है और कब क्‍या बात करना है यह उसे पता नहीं होता। वो अपने आसपास के लोगों को भी एक वस्‍तु के तौर पर देखता है।

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