अमेरिका में H-1B वीजाधारकों के जीवनसाथी को वर्क परमिट देने वाले नियमों में बदलाव की कवायद चल रही है। व्हाइट हाउस में औपचारिक तौर पर पेश किए गए प्रस्तावित बदलाव में H1-B वीजाधारकों के जीवनसाथी के वर्क परमिट को खत्म करने की बात कही गई है। अगर इस प्रस्ताव को मंजूरी दे दी जाती है तो तकरीबन 90 हजार वीजाधारकों के पति/पत्नी प्रभावित होंगे। इसमें काफी संख्या में भारतीय लोग शामिल हैं।
इस प्रस्ताव पर अंतिम फैसला व्हाइट हाउस लेगा। अंतिम फैसला लेने से पहले व्हाइट हाउस इस प्रस्ताव की समीक्षा कर सकता है और अनेक एजेंसियों से इस संबंध में इनपुट भी ले सकता है। इस प्रक्रिया में एक हफ्ते से लेकर एक महीने तक का वक्त लग सकता है।
यूएएस सिटीजनशिप एंड इमीग्रेशन सर्विसेज (यूएससीआईएस) का कहना है कि प्रस्तावित बदलाव तब तक प्रभावी नहीं माने जाएंगे जब तक समीक्षा और टिप्पणी की प्रक्रिया पूरी न हो जाए। यूएससीआईएस कर्मचारियों से जुड़े सभी वीजा प्रोग्राम्स की समीक्षा कर रहा है।
व्हाइट हाउस की मंजूरी के बाद नए नियमों को फेडरल रजिस्टर में प्रकाशित किया जाएगा। अमेरिका के मौजूदा कानून के तहत नियम को मंजूरी मिलने के बाद अगले 30 दिनों तक लोग अपनी आपत्तियां दर्ज करा सकते हैं। इसके बाद ही नए नियमों को प्रभावी माना जाएगा।
क्या है एच 1 बी वीजा : आईटी पेशेवरों के लिए सबसे ज्यादा मांग वाला एच-1बी वीजा एक गैर-अप्रवासी वीजा है जो अमेरिकी कंपनियों को विदेशी कर्मचारी रखने की अनुमति देता है। अमेरिका की प्रौद्योगिकी से जुड़ी कंपनियां हर साल इस वीजा की मदद से हजारों भारतीय और चीनी कर्मचारियों की अपने यहां नियुक्त करती हैं। इस वीज़ा के तहत हर साल 85,000 पेशेवरों को अमेरिका में प्रवेश दिया जाता है। एक अनुमान के अनुसार इसका 75 प्रतिशत भारतीय लाभ उठा लेते हैं। अनुमान के अनुसार तीन लाख भारतीय एच 1 बी वीजा पर अमेरिका में काम कर रहे हैं।