Rafah Border crossing : इसराइल और हमास के बीच पिछले 15 दिनों से युद्ध चल रहा है। इस बीच मिस्र ने संयुक्त राष्ट्र और अमेरिका की मदद से रफाह क्रॉसिंग खोल दी है। जल्द ही 200 से ज्यादा ट्रकों के माध्यम से राहत सामग्री गाजा पहुंच जाएगी।
इसराइल द्वारा खाना, पानी, बिजली की आपूर्ति बंद करने के बाद से ही गाजा के लोग इन चिजों के लिए तरस रहे हैं। यह सीमा खुलने से गाजा के 35 लाख लोगों को बड़ी राहत मिलने की उम्मीद है।
मानवीय संकट से गुजर रहे गाजा की मदद से लिए अमेरिका, भारत, रूस समेत दुनिया भर के कई देश आगे आए हैं। कई अरब देश भी गाजा राहत सामग्री पहुंचाने का प्रयास कर रहे थे। हालांकि रफाह क्रॉसिंग बंद होने की वजह से हालांकि यह मदद गाजा तक नहीं पहुंच पा रही थी।
फिलिस्तीन की मदद करता रहेगा भारत : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को फिलिस्तीन के राष्ट्रपति से फोन पर बात कर गाजा के अस्पताल में हुई घटना पर दुख जताया था। पीएम मोदी ने एक्स पर इसकी जानकारी देत हुए लिखा कि फिलिस्तीनी प्राधिकरण के अध्यक्ष महमूद अब्बास से बात की। गाजा के अल अहली अस्पताल में नागरिकों की मृत्यु पर अपनी संवेदना व्यक्त की।
हम फिलिस्तीनी लोगों के लिए मानवीय सहायता भेजना जारी रखेंगे। क्षेत्र में आतंकवाद, हिंसा और बिगड़ती सुरक्षा स्थिति पर अपनी गहरी चिंता साझा की। इजराइल-फिलिस्तीन मुद्दे पर भारत की लंबे समय से चली आ रही सैद्धांतिक स्थिति को दोहराया।
2000 से 2023 तक भारत ने लगातार फिलिस्तीन की मदद की है। 29.5 मिलियन डॉलर की मदद भारत की तरफ से की जा चुकी है।
रफाह क्रॉसिंग क्या है : रफाह क्रॉसिंग गाजा पट्टी के दक्षिण में स्थित एक बॉर्डर क्रॉसिंग है जो गाजा पट्टी को मिस्र के सिनाई रेगिस्तान से जोड़ती है। इस पर मिस्र और हमास का नियंत्रण है। गाजा पट्टी क्षेत्र में इसके अतिरिक्त इरेज और केरेम शलोम नामक 2 अन्य बॉर्डर क्रॉसिंग हैं। दोनों ही इसराइल को गाजा पट्टी से जोड़ती है।
क्यों महत्वपूर्ण है यह क्रॉसिंग : युद्ध की वजह से से इरेज और केरेम शलोम क्रॉसिंग बंद कर दी गई है। ऐसे में रफाह क्रॉसिंग के जरिए ही गाजा पट्टी के लोगों के लिए राहत सामग्री पहुंचाई जा सकती है।
Edited by : Nrapendra Gupta