वाशिंगटन। केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर बादल ने कहा कि भारत की सबसे बड़ी प्राथमिकता अन्न की बर्बादी को कम करना है और उन्होंने इस संबंध में अमेरिकी कारोबारियों से निवेश करने और तकनीकी सहायता देने का अनुरोध किया।
बादल ने कहा कि भारत विश्व में अनाज और दूध का सबसे बड़ा उत्पादक तथा फलों एवं सब्जियों का दूसरा सबसे बड़ा उत्पादक है। 1.3 अरब की बढ़ती आबादी के साथ बड़ी मात्रा में कच्चा खाद्य पदार्थ अमेरिका को निवेश करने और साझेदारी का मौका देता है।
खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्री बादल ने अमेरिका-भारत कूटनीतिक सहयोग मंच द्वारा आयोजित बैठक में कहा, 'भारत अभी केवल अपने 10 फीसदी अनाज का ही प्रसंस्करण करता है जिससे बड़ी मात्रा में अनाज बर्बाद होता है।'
बादल शिकागो, वाशिंगटन और न्यूयॉर्क में कृषि उद्योग और खाद्य प्रसंस्करण कंपनियों के अधिकारियों से मुलाकात करने के लिए एक सप्ताह की अमेरिका की यात्रा पर हैं।
उन्होंने पेप्सिको, एमेजन, द हर्शे कंपनी, कोका कोला, वालमार्ट, क्राफ्ट हीन्ज और हनीवेल समेत अमेरिकी कंपनियों के उद्योग कार्यकारियों के साथ बैठक की।
बादल ने कहा, 'बढ़ते देश और आबादी के साथ भारत सरकार की बड़ी प्राथमिकता अनाज की बर्बादी को कम करना है।'
देश की सबसे तेजी से उभरती अर्थव्यवस्था भारत का छह अरब डॉलर का खाद्य क्षेत्र है जिसमें से 70 फीसदी हिस्सा खुदरा अनाज का है। वर्ष 2020 तक इस बाजार के तीन गुना होने की संभावना है। इसके साथ ही एक भारतीय अपनी कमाई का औसतम 40 फीसदी हिस्सा खाद्य पदार्थ पर खर्च करता है।
बादल ने कहा कि अगले छह वर्षों में यह खर्च दोगुना होने की संभावना है। इसे ध्यान में रखते हुए भारत विदेशी निवेश के लिए आकर्षक स्थान है। (भाषा)