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ऋषि सुनक होंगे ब्रिटेन के नए प्रधानमंत्री, जानिए क्या है उनका भारत से संबंध ?

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, सोमवार, 24 अक्टूबर 2022 (19:39 IST)
पूर्व वित्त मंत्री ऋषि सुनक ब्रिटेन के नए प्रधानमंत्री होंगे। सोमवार को उनके नाम का आधिकारिक एलान कर दिया गया। पूर्व प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन द्वारा कंजर्वेटिव पार्टी का नेता बनने की दौड़ से ने अपना नाम वापस लेने  के बाद सुनक का पीएम बनना लगभग तय माना जा रहा था।
 
अंतिम समय में  हाउस ऑफ कामंस की नेता पेनी मोरडौंट ने भी अपना नाम वापस ले लिया। इसके बाद सुनक के नाम पर अंतिम मुहर लगी। वे ब्रिटेन के पहले भारतीय मूल के और पहले गैर-श्वेत प्रधानमंत्री बनेंगे। वे 28 अक्टूबर को पीएम पद की शपथ लेंगे।
 
कौन हैं ऋषि सुनक : ऋषि सुनक का जन्म 12 मई 1980 को इंग्लैंड के साउथम्पैटन शहर में हुआ था। ऋषि सुनक के माता-पिता भारतीय मूल के हैं। ऋषि अपनी तीन बहनों के सबसे बड़े भाई हैं। उनके दादा-दादी 1960 के दशक में ब्रिटेन में आकर बस गए थे। 
 
ऋषि सुनक शुरुआत से ही एक होनहार छात्र रहे। उन्होंने ब्रिटेन के विनचेस्टर कॉलेज से राजनीतिक विज्ञान में स्नातक की उपाधि प्राप्त की। इसके बाद उन्होंने ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी में अर्थशास्त्र और दर्शनशास्त्र की पढ़ाई की। वे स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी से एमबीए भी कर चुके हैं।  
 
स्टैनफोर्ड से एमबीए करने के दौरान उनकी मुलाकात इंफोसिस के सह-संस्थापक नारायण मूर्ति की बेटी अक्षता से हुई। दोनों की दोस्ती गहरी होती गई, जिसके बाद 2009 में उन्होंने शादी के बंधन में बंधने का फैसला किया। ऋषि और अक्षता ने दो बेटियों को जन्म दिया, जिनके नाम कृष्णा और अनुष्का हैं।
 
सुनक के दादा-दादी ब्रिटिश शासन वाले भारत में पैदा हुए थे लेकिन उनका जन्मस्थान गुजरांवाला आधुनिक पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में स्थित है। इस प्रकार, एक अजीब तरीके से नए ब्रिटिश नेता एक भारतीय और एक पाकिस्तानी दोनों है।
 
ऋषि सुनक 2014 में पहली बार नार्थ यॉर्कशायरके रिचमंड (योर्क्स) से सांसद बने। ब्रिटेन की पूर्व प्रधानमंत्री थेरेसा मे के कार्यकाल में ऋषि ने जूनियर मिनिस्टर के रूप में काम किया। उनके काम की सराहना हुई और 2017 में वे फिर से भारी बहुमत के साथ सांसद बने। इसके बाद 2019 में उन्हें ब्रिटेन की ट्रेजरी का सचिव बनाया गया।
 
2020 में हुए एक सर्वे में ब्रिटेन की 60 प्रतिशत जनता ने ऋषि को प्रधानमंत्री पद के लिए सबसे पसंदीदा उम्मीदवार बताया था। जुलाई में बोरिस जॉनसन के इस्तीफा देने बाद लिज ट्रस ने उन्हें कड़े मुकाबले में हराया था। हालांकि ट्रस ने मात्र 45 दिन में ही पद से इस्तीफा दे दिया।
 

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