47 साल बाद रूस ने लॉन्च किया मिशन मून, चंद्रयान से कितना अलग है LUNA-25

Webdunia
शुक्रवार, 11 अगस्त 2023 (08:54 IST)
Russia Mission Moon Luna 25 : रूस ने करीब 47 वर्षों के बाद रूस चांद पर अपना मून मिशन भेजा है। 11 अगस्त की सुबह 4 बजकर 40 मिनट के करीब अमूर ओब्लास्ट के वोस्तोनी कॉस्मोड्रोम से Luna-25 Lander मिशन लॉन्च किया गया। चंद्रयान ने 14 जुलाई को उड़ान भरी थी और इसकी 23 अगस्त को चांद पर सॉफ्‍ट लैंडिंग की योजना है।
 
कब चांद पर पहुंचेगा लूना 25 : लूना 25 की लॉन्चिंग सोयुज 2.1बी रॉकेट से की गई। इसे लूना ग्लोब मिशन भी कहते हैं। यह रॉकेट करीब 46.3 मीटर लंबा है। इसका व्यास 10.3 मीटर है। इसका वजन 313 टन है। 5 दिन की यात्रा के बाद यह चांद की कक्षा में पहुंच जाएगा और फिर चांद के चारों तरफ 7-10 दिन तक चक्कर लगाएगा।

हालांकि रूसी स्पेस एजेंसी ने साफ कहा है कि हम किसी देश या स्पेश एजेंसी के साथ प्रतियोगिता नहीं कर रहे हैं। हमारे लैंडिंग इलाके भी अलग हैं। लूना-25 चांद के दक्षिणी ध्रुव के पास मौजूद बोगुस्लावस्की क्रेटर के पास उतरेगा।
 
चंद्रयान से कितना अलग है लूूूना : चंद्रयान-3 को दो हफ्ते तक चलाने के लिए डिजाइन किया गया है, जबकि लूना-25 चंद्रमा पर एक साल तक काम करेगा। 1.8 टन के द्रव्यमान और 31 किलोग्राम (68 पाउंड) वैज्ञानिक उपकरण ले जाने के साथ लूना-25 जमे हुए पानी की मौजूदगी का परीक्षण करने के लिए 15 सेमी. (6 इंच) की गहराई से चट्टान के नमूने लेने के लिए एक स्कूप का उपयोग करेगा। जो चंद्रमा पर मानव जीवन को संभव बना सकता है।

मूल रूप से अक्टूबर 2021 में लॉन्च किए जाने वाले लूना-25 मिशन में लगभग दो साल की देरी हुई है। यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी ने अपने पायलट-डी नेविगेशन कैमरे को लूना-25 से जोड़कर उसका परीक्षण करने की योजना बनाई थी। मगर पिछले साल फरवरी में रूस के यूक्रेन पर हमला करने के बाद उसने इस परियोजना से अपना नाता तोड़ लिया।

इसरो ने दी शुभकामनाएं : भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने रूस की स्पेस एजेंसी रोस्कोस्मोस को उसके लूनर मिशन ‘लूना-25’ की सफल लॉन्चिंग पर बधाई दी है। इसरो ने ट्वीट किया, ‘लूना-25 के सफल प्रक्षेपण पर रोस्कोस्मोस को बधाई. हमारी अंतरिक्ष यात्राओं में एक और मिलन बिंदु का होना अद्भुत है। हम कामना करते हैं कि चंद्रयान-3 एवं लूना-25 मिशन अपने निर्धारित लक्ष्यों को सफलतापूर्वक प्राप्त करें। शुभकामनाएं।’
 
उल्लखनीय है कि सोवियत संघ, संयुक्त राज्य अमेरिका और चीन ही अब तक चंद्रमा पर लैंडिंग में कामयाब रहे हैं। यूक्रेन पर हमले के बाद पहली बार रूस ने किसी दूसरे ग्रह या उपग्रह के लिए अपना मिशन भेजा है।
Edited by : Nrapendra Gupta 

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