Salman Rushdie : सलमान रुश्दी बोले- मुझे आते हैं 'डरावने सपने', न्यूयॉर्क में हुआ था घातक हमला

Webdunia
गुरुवार, 13 जुलाई 2023 (17:03 IST)
Salman Rushdie's statement regarding the attack : प्रख्यात लेखक सलमान रुश्दी ने पहली बार इस बात का खुलासा किया कि पिछले साल अगस्त में न्यूयॉर्क में उन पर हुए घातक चाकू के हमले के बाद उन्हें किस प्रकार भयावह सपने आते हैं। हमले की चोटों के कारण उनका लीवर क्षतिग्रस्त हो गया, एक आंख की रोशनी चली गई और हाथ की तंत्रिका क्षति के कारण उनका हाथ लकवाग्रस्त हो गया।
 
इस हमले में मुंबई में जन्मे लेखक की एक आंख की रोशनी चली गई थी और वह उस वारदात के बाद के मानसिक प्रभाव से निपटने के लिए चिकित्सकों की मदद ले रहे हैं। बुकर पुरस्कार विजेता 76 वर्षीय लेखक लगभग एक साल पहले मंच पर थे, जब हादी मतार ने उन पर 10 बार चाकू से हमला किया था। हादी हत्या के प्रयास के आरोप में जेल में बंद है।
 
इस हफ्ते बीबीसी से बात करते हुए रुश्दी ने कहा कि वह इस बारे में दुविधा में थे कि क्या उन्हें अपने कथित हमलावर का सामना करना चाहिए, जिसने अदालत में खुद को निर्दोष बताया है। ब्रिटिश-अमेरिकी उपन्यासकार ने कहा, मेरे बहुत अच्छे चिकित्सक हैं जिन्हें बहुत सारा काम करना है। मुझे भयावह सपने आते हैं।
 
जब उनसे पूछा गया कि क्या वह इस साल शुरू होने वाले मतार के खिलाफ मामले की सुनवाई में शामिल होंगे, उन्होंने कहा, यदि वह अपनी दलील में दोष को स्वीकार कर लेता है तो वास्तव में कोई मुकदमा नहीं चलेगा, केवल सजा होगी, और यह भी हो सकता है कि तब मेरी उपस्थिति की आवश्यकता नहीं होगी। मैं इस बारे में दुविधा में हूं। मेरा एक मन वास्तव में अदालत जाकर खड़ा होने को करता है और उसे देखना चाहता है, जबकि एक मन करता है कि इन सब उलझनों में क्यों उलझना।
 
‘मिडनाइट चिल्ड्रन’ जैसी चर्चित किताब के लेखक रुश्दी ने कहा, उसके बारे में मेरी राय बहुत अच्छी नहीं है। और मुझे लगता है कि अब मेरे लिए जो महत्वपूर्ण है वह यह है कि आप जीवन को जारी रखने में सक्षम हैं। मैं इसके साथ आगे बढ़ रहा हूं। हमले की चोटों के कारण उनका लीवर क्षतिग्रस्त हो गया, एक आंख की रोशनी चली गई और हाथ की तंत्रिका क्षति के कारण उनका हाथ लकवाग्रस्त हो गया।
 
रुश्दी अब उस वारदात और उससे उबरने की प्रक्रिया पर एक किताब लिख रहे हैं। बीबीसी को डिजिटल रूप से दिए एक साक्षात्कार में उन्होंने बताया कि किताब कुछ सौ पन्नों से ज्यादा लंबी नहीं होगी।Edited By : Chetan Gour (भाषा)

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