फिनलैंड की सोशल डेमोक्रेट पार्टी ने 8 दिसंबर को प्रधानमंत्री पद के लिए 34 वर्षीय पूर्व परिवहन मंत्री सना मरीन का चुनाव किया। सना मरीन देश के इतिहास में सबसे युवा प्रधानमंत्री बन गई हैं।
मरीन ने रविवार को हुआ मतदान जीतकर निवर्तमान नेता एंटी रिने की जगह ली, जिन्होंने डाक हड़ताल से निपटने को लेकर गठबंधन सहयोगी सेंटर पार्टी का विश्वास खोने के बाद 3 दिसंबर को इस्तीफा दे दिया था। मरीन (34) दुनिया की सबसे युवा राष्ट्र प्रमुख बन गई है। उनके बाद यूक्रेन के प्रधानमंत्री ओलेक्सी होन्चारुक अभी 35 वर्ष के हैं।
कौन हैं मारिन : मारिन का जन्म 16 नवंबर 1985 को फिनलैंड में हुआ था। समलैंगिक पैरेंट्स की इकलौती संतान हैं। 2015 में वे संसद सदस्य के रूप में निर्वाचित हुईं। पहली बार वे 2019 में सरकार में शामिल हुईं। सरकार में वे परिवहन व संचार मंत्री बनीं। 2012 में उन्होंने प्रशासनिक विज्ञान में टैम्पियर विश्वविद्यालय से स्नातक की डिग्री हासिल की। इसके बाद वे राजनीति में सक्रिय हुईं। 2017 में उन्हें सिटी काउंसिल में चुना गया।
राजनीतिक अस्थिरता में संभाला पद : इन दिनों फिनलैंड राजनीतिक अस्थिरता के दौर से गुजर रहा है। इसकी शुरुआत डाक कर्मचारियों की हड़ताल से हुई। हालांकि यह 27 नवंबर को समाप्त हो गई, लेकिन अभी तक यह अस्थिर रहा है। 700 डाक कर्मचारियों की मजदूरी में कटौती की योजना पर कई हफ्तों के राजनीतिक संकट के बाद रिन्ने ने पद छोड़ दिया था। इस हड़ताल के बाद निष्क्रियता के कारण साउली निनीस्तो ने अपना विश्वास खो दिया।
प्रधानमंत्री बनने के बाद क्या कहा : मारिन ने प्रधानमंत्री पद संभालने के बाद कहा कि मैंने अपनी उम्र या लिंग के बार में कभी नहीं सोचा। मैं खुद के राजनीति में आने के कारणों और उन चीजों के बारे में सोचती हूं, जिनके लिए वोटर्स ने हम पर भरोसा जताया है। हमें फिर से विश्वास बहाल करने के लिए काफी काम करना होगा।