अब गर्भपात करा रही हैं 'सेक्स गुलाम' यजीदी महिलाएं

Webdunia
आईएसआईएस लड़ाकों द्वारा लम्बे समय तक सेक्स गुलाम बनाकर रखी गई पीड़ित लड़कियां और महिलाएं गोपनीय तरीकों से गर्भपात करा रही हैं और अपने कौमार्य को हासिल करने के लिए ऑपरेशन करा रही हैं।
 
मेलऑनलाइन के लिए सारा माम और ईलीन ओफ्लिन लिखती हैं कि जो लड़कियां, महिलाएं किसी तरह बचकर आई हैं वे अपने बंदी बनाने वालों के हाथों गर्भवती हो गई हैं। हालांकि कुर्दिस्तान में गर्भपात कराना गैरकानूनी है, लेकिन कुछ डॉक्टर यह कानून भी तोड़ रहे हैं। उधर इन महिलाओं, लड़कियों के सामने एक और डर है कि उनके समाज में विवाह पूर्व सेक्स बहुत बुरा समझा जाता है। संभव है कि इस कारण से इन्हें समाज से बहिष्कृत भी किया जा सकता है। 
 
संडे टाइम्स की रिपोर्ट में कहा गया है कि कुछ कुर्दिश डॉक्टर कथित तौर पर अवैध गर्भपात और गोपनीय तौर पर ऑपरेशन कर रहे हैं। इनमें से कुछ लड़कियों की उम्र तो आठ वर्ष की है। इन सभी का पिछले वर्ष हथियारबंद उग्रवादियों ने अपहरण कर लिया था और इन्हें सेक्स स्लेव (गुलाम) बना लिया था। 
 
आतंकवादियों का ‍शिकार बनी ये लड़कियों और महिलाओं के सामने मुश्किल है कि वे कैसे अपने कट्‍टर धार्मिक समुदाय में फिर से शामिल हों। संडे टाइम्स में हाला जबार लिखती हैं कि ये महिलाएं कैद के दौरान शारीरिक प्रताड़ना के चिन्हों को मिटाने की कोशिश कर रही हैं।   
 
ह्यूमन राइट्‍स वाच ग्रुप की हाल की एक रिपोर्ट में बताया गया है कि आतंकवादियों ने इन महिलाओं को अगवा करने के बाद उन्हें शादी करने के लिए मजबूर किया, उनसे इस्लाम कुबूल करवाया और उनके साथ बारम्बार दुराचार किया। इन्हें इनके परिजनों से अलग कर दिया गया था।
 
इन महिलाओं, लड़कियों ने बताया कि एक लॉटरी के जरिए बलात्कार का शिकार बनाई जाने वाली लड़कियों को चुना जाता था। इन्हीं में से एक बच्ची का कहना था कि उसके सात मालिक बने और सातों ने उसके साथ बलात्कार किया। ऐसी सैकड़ों की संख्या में महिलाएं या तो भाग निकलकर या रिहा किए जाने के बाद अपने घरों को लौटी हैं।   
ह्यूमन राइट वाच का कहना है कि यह युद्ध अपराध है। लड़कियों को संगठित तरीके से बलात्कार का शिकार बनाया गया, उन पर यौन हमले किए गए, उन्हें यौन दासता में रखा गया या फिर उनके साथ जबर्दस्ती शादी कर ली गई। अब इनकी मांग है कि जो बची हुई महिलाएं हैं, उन्हें चिकित्सकीय और मनोवैज्ञानिक इलाज उपलब्ध कराया जाए।
 
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एक 31 वर्षीय यजीदी महिला रशीदा ने चैरिटी को बताया था कि उसके भाई ने उससे कहा था कि अगर वह उग्रवादियों के हाथों से न बच पाए तो आत्महत्या कर ले। बाद में, उन्होंने हमारे नामों की लॉटरी निकालना शुरू कर दिया।  
 
रशीदा का कहना है कि उसे एक आदमी अबू गुफरान नाम के आदमी ने चुना था। उसने उससे कहा कि वह स्नान करे। जब वह बाथरूम में थी तो उसने आत्महत्या की कोशिश की थी। मुझे घर में थोड़ा सा जहर मिला था जिसे मैं अपने साथ बाथरूम में ले गई थी। इसकी गंध से मुझे पता चला कि यह जहरीला था। मैंने इसे बाकी लड़कियों में बांट दिया और हम सबने बाथरूम में पानी में घोलकर इसे पी लिया। हममें से किसी की मौत तो नहीं हुई लेकिन हम बीमार अवश्य हो गईं। 
 
एक अन्य महिला दिलारा का कहना है कि सीरिया में उसे एक शादी के हाल में ले जाया गया जहां आतंकवादियों ने उनसे कहा कि वे अपने रिश्तेदारों को भूल जाएं और उनके साथ शादी कर लें और उनके बच्चे पैदा करें।
 
सवेरे साढ़े नौ बजे से लोग बलात्कार करने के लिए लड़कियों को खरीदने के लिए आ जाते थे। मार्च में ह्यूमन राइट्‍स कार्यालय ने एक भयानक रिपोर्ट प्रकाशित की जिसमें हत्याओं, प्रताड़नाओं, बलात्कार, यौन दासता और उग्रावादियों द्वारा बच्चों को बाल सैनिक बनाने का विवरण दिया गया है। यह विवरण सौ से अधिक प्रत्यक्षदर्शियों या हमले बचे यजीदी लोगों द्वारा दिया गया है।
 
जिदाही 14 से बड़े बच्चों और पुरुषों को अलग कर मार डालते थे। छोटे बच्चों को बाल सैनिक बना दिया जाता और महिलाओं, लड़कियों का लूट का माल समझकर अपहरण कर लिया जाता था। 
 
जांचकर्ताओं की प्रमुख सूकी नागरा का कहना है कि इन हमलों का उद्देश्य यजीदियों को एक जाति के तौर पर नष्ट कर देना था। उन्होंने ह्यूमन राइट्‍स वाच को बताया कि मैंने अपनी आंखों के सामने आतंकवादियों को लड़कियों के बाल खींचते, कोई भी प्रतिरोध करता था तो उसका सिर किसी भी चीज से टकरा देते थे। वे जानवरों जैसे हैं... एक बार वे लड़कियों को बाहर लेकर जाते तो उनके साथ बलात्कार करते थे और उन्हें नई लड़कियों, महिलाओं से बदलने के लिए लाते थे। इन लड़कियों की उम्र आठ वर्ष से तीस वर्ष की थी। अंत में केवल 20 लड़कियां बची हैं।   
 
यह स्पष्ट नहीं है कि क्यों‍ इन कट्‍टर जिहादियों ने यजीदीयों को रिहा करने का फैसला किया। ये उग्रवादी इन्हें शैतान की पूजा करने वाला मानते हैं। यजीदी मूलत: प्रमुख रूप से कुर्दिश लोग हैं जिनका अपना धर्म- इस्लाम, ईसाइयत और यहूदियों के धर्म-से मिलकर बना है।

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