1,000 से अधिक मदरसों को बंद करेगा श्रीलंका, बुर्के पर भी लगेगा प्रतिबंध

Webdunia
शनिवार, 13 मार्च 2021 (21:36 IST)
कोलंबो। श्रीलंका बुर्का पहनने और देश के 1,000 से अधिक मदरसों को बंद करने की योजना बना रहा है। उसने राष्ट्रीय सुरक्षा का हवाला देते हुए इन प्रतिबंधों की योजना को लेकर शनिवार को घोषणा की।
 
जन सुरक्षा मंत्री शरत वीरसेकरा ने कहा कि उन्होंने बुर्का पहनने पर प्रतिबंध लगाने की मंत्रिमंडल की अनुमति मांगने के अनुरोध वाले कागजात पर शुक्रवार को हस्ताक्षर किए।
 
एक बौद्ध मंदिर में आयोजित कार्यक्रम में अधिक विवरण साझा किए बिना वीरसेकरा ने कहा कि बुर्के का राष्ट्रीय सुरक्षा पर सीधा प्रभाव है।
उन्होंने कहा कि शुरुआती दिनों में हमारी कई मुस्लिम मित्र थीं। हालांकि, मुस्लिम महिलाओं और लड़कियों ने कभी बुर्का नहीं पहना। यह एक तरह का धार्मिक कट्टरपंथ है जोकि हाल ही में सामने आया है। हम इस पर अवश्य प्रतिबंध लगाएंगे।
 
श्रीलंका में 2019 में ईस्टर रविवार के दिन चर्च और होटलों में हुए बम हमलों के बाद बुर्का पहनने पर अस्थायी रोक लगा दी गई थी। इन हमलों में 260 से अधिक लोगो की मौत हुई थी।
 
वीरसेकरा ने यह भी कहा कि सरकार 1,000 से अधिक मदरसों पर भी प्रतिबंध लगाएगी क्योंकि यह विभागों के पास पंजीकृत नहीं हैं और राष्ट्रीय शिक्षा नीति का अनुसरण नहीं करते हैं।
 
श्रीलंका की आबादी करीब 2 करोड़ 20 लाख है, जिनमें से मुस्लिमों की आबादी करीब नौ प्रतिशत, हिंदुओं की 15 प्रतिशत और बौद्धों की 70 प्रतिशत से अधिक आबादी है। (भाषा)

सम्बंधित जानकारी

Show comments

जरूर पढ़ें

केन्द्रीय कर्मचारियों और पेंशनरों के लिए खुशखबरी, केन्द्र सरकार ने बढ़ाया डीए

नासिक कुंभ के नाम को लेकर अखाड़ों में मतभेद, जानिए कब शुरू होगा मेला

ATM से अतिरिक्त निकासी पर शुल्क बढ़ा, जानिए कब से लागू होंगे यह charges

यूक्रेन के साथ युद्ध रोकने के लिए रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की पेशकश, NATO को दी चेतावनी

ईद पर मुंबई में विस्फोट और दंगों की चेतावनी, सुरक्षा बढ़ाई गई

सभी देखें

नवीनतम

जिंदगी पर भारी पड़ा रील का नशा, गिरने से 'यमराज' की मौत

कठुआ ऑपरेशन में कुल 9 की मौत, इनमें 5 आतंकवादी और 4 जवान

विदेश मंत्रालय ने दी जानकारी, रूसी सशस्त्र बलों में सेवारत 18 में से 16 भारतीय लापता

चीख-पुकार, हिलती इमारतें, धुल का गुबार, हजारों के मरने की आशंका, भूकंप से तबाही की आंखों देखी

सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट में 1.50 लाख अवमानना ​​मामले लंबित, सरकार ने संसद में दी जानकारी

अगला लेख