नई दिल्ली। इटली में समंदर की 100 मीटर की गहराई में एक ऐसी पनडुब्बी मिली है, जिसे दूसरे विश्व युद्ध के दौर का बताया जा रहा है। ये ब्रिटिश पनडुब्बी अपने पहले ही मिशन पर अचानक लापता हो गई थी। काफी तलाश के बाद भी इसका कोई सुराग नहीं मिला, लेकिन जब इस पनडुब्बी का मलबा खोजा गया, तो इससे जुड़ी एक चौंकाने वाली कहानी सामने आई।
28 दिसंबर 1942 वो तारीख थी जब ब्रिटेन की HMS P311 सबमरीन अपने 71 नौसैनिकों के साथ समंदर में एक खास मिशन को अंजाम देने निकली थी। इस पनडुब्बी का मकसद इटली के दो जंगी जहाजों को तबाह करना था। 1290 टन वजनी ये पनडुब्बी समंदर में 100 मीटर की गहराई में आराम से आगे बढ़ रही थी।
सबकुछ प्लान के मुताबिक हो रहा था, लेकिन 2 जनवरी 1943 को जब ये पनडुब्बी ओलबिया की खाड़ी के आसपास थी, तभी अचानक कंट्रोल रूम से इसका संपर्क टूट गया। बिना कोई संकेत छोड़े ये विशालकाय पनडुब्बी गायब हो गई। ये माना गया कि पनडुब्बी बीच रास्ते में डूब गई होगी। लेकिन कैसे डूबी ये ब्रिटिश पनडुब्बी HMS P311 और इसमें सवार 71 नौसैनिकों का क्या हुआ, क्या इस पनडुब्बी पर कोई खतरनाक हमला हुआ था और सबसे बड़ी बात डूबने के बाद वो पनडुब्बी गई कहां?
इन सवालों के जवाब मिलने में 73 साल लग गए क्योंकि 73 साल बाद अब जाकर इस डूबी हुई पनडुब्बी का मलबा खोजा जा सका है। इटली के सार्डिनिया के उत्तरी-पूर्वी किनारे पर गोताखोरी करने वाले एक शख्स ने इस पनडुब्बी को खोज निकाला। मोसिमो बोन्डोने नाम के इस गोताखोर के मुताबिक पहली नजर में इस पनडुब्बी की बाहरी सतह पर हमले के कोई निशान नहीं मिले और इसका मलबा ठीक-ठाक हालत में था।
लिहाजा उसने पनडुब्बी के अंदर जाने की कोशिश की, लेकिन इसका दरवाजा अंदर से बंद था। इसके बाद गोताखोर ने अधिकारियों को इसकी खबर दी, अधिकारियों ने इस पनडुब्बी की जांच की तो दुनिया के सामने चौंका देने वाली हकीकत सामने आई।
सबसे पहले ये पुख्ता किया गया कि ये ब्रिटिश पनडुब्बी HMS P311 ही है। इसके बाद पनडुब्बी की बाहरी सतह की जांच की गई। इससे ये साफ हुआ कि पनडुब्बी के पास एक धमाका किया गया था, जिससे ये डूब गई। पनडुब्बी को भीतर से लॉक किया गया था, लेकिन थोड़ी मशक्कत के बाद एक्सपर्ट अंदर दाखिल हो गए। सबमरीन के अंदर 71 कंकाल मिले।
ये 71 कंकाल उन्हीं नौसैनिकों के हैं, जो पनडुब्बी में सवार होकर मिशन पर निकले थे यानी पनडुब्बी पर हमला होने के बाद उनमें से एक भी सैनिक बाहर नहीं निकल पाया। ये पता चला कि किसी भी नौसैनिक की मौत पानी में डूबने से नहीं हुई थी, बल्कि ऑक्सीजन की कमी से सभी ने दम तोड़ दिया। दरअसल, पनडुब्बी पर हमला होने के बाद उसे अंदर से लॉक कर दिया गया था। ऐसा लॉक जिसे बाद में चाहकर भी खोला नहीं जा सका और ऑक्सीजन की कमी से 71 ब्रिटिश नौसैनिकों ने घुट-घुटकर दम तोड़ दिया था। (भाषा)