कोलंबो। राजधानी कोलंबो और उसके आसपास के इलाकों में रविवार को ईस्टर के मौके पर सुबह सिलसिलेवार 8 बम धमाके हुए। इसमें तीन चर्च और तीन फाइव स्टार होटल को निशाना बनाया गया। इस हमले में 207 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई और 400 से ज्यादा लोग घायल हो गए। इसमें 7 लोगों को गिरफ्तार किया गया है।
इससे पहले भी श्रीलंका गृहयुद्ध की युद्ध की आग में झुलझता रहा है। वेलुपिल्लई प्रभाकरण ने कुछ साथियों के साथ मिलकर ‘लिबरेशन टाइगर्स ऑफ तमिल ईलम’(LTTE) नाम का एक संगठन बनाया था। लिट्टे उत्तर और पूर्वी श्रीलंका में एक स्वतंत्र तमिल राज्य की स्थापना करना चाहता था। इसके लिए उसने हिंसा का सहारा लिया। श्रीलंका के गृहयुद्ध की आग कहीं न कहीं भारत भी आई। श्रीलंका में इससे पूर्व हुए धमाकों ने पूरी दुनिया का ध्यान अपनी ओर खींचा है। जानिए इतिहास के आइने में श्रीलंका के कुछ बड़े बम धमाके...
- 14 मई 1985 को अनुराधापुरा नरसंहार किया गया। इसमें 146 लोगों की मौत हो गई थी।
- 11 जून 1990 को श्रीलंका के पूर्वी प्रांत में आतंकी हमला हुआ था। इस हमले में लिट्टे ने 600-774 पुलिसकर्मियों का नरसंहार कर दिया था। यह दुनिया के सबसे बड़े आतंकी हमलों में से एक था। लिट्टे द्वारा पहले पुलिसकर्मियों का अपहरण किया और बाद में उन पुलिसकर्मियों को मौत के घाट उतार दिया गया था। इस नरसंहार में कुछ पुलिसकर्मी जिंदा बचने में सफल हो गए थे।
- अगस्त, 1990 को बटि्टकलोवा जिले के कुटानकुडी की मस्जिद में नरसंहार को अंजाम दिया गया। इसमें 147 लोगों की मौत गई।
- 15 अक्टूबर, 1991 को पालियागोडिला में नरसंहार किया गया। इसमें 112 लोगों की मौत हो गई।
- 31 जनवरी, 1996 को कोलंबो सेंट्रल बैंक में धमाके को लिट्टे ने अंजाम दिया गया। बम से लैस ट्रक को बैंक में घुसा दिया था, जिसमें 113 लोगों की मौत हो गई थी।
- 18 जुलाई, 1996 को पूर्वी प्रांत में मूलाथिवी कैंप में नरसंहार किया गया। इसमें 207 लोगों की मौत हो गई थी।
- 16 अक्टूबर, 2006 को आत्मघाती ट्रक ने दिगमपटाहा नरसंहार को आंजम दिया। लिट्टे से जुड़े उग्रवादियों ने श्रीलंकाई सेना को निशाना बनाकर एक ट्रक को सेना की 15 गाड़ियों के काफिले में घुसा दिया था। इस हमले में 120 नाविकों की मौत हुई थी।
- 21 अप्रैल, 2019 को 8 सिलसिलेवार बम धमाकों में 207 लोगों की मौत, 400 से ज्यादा घायल। तीन चर्च और तीन होटलों को बम धमाकों से निशाना बनाया गया।