पाकिस्तान में 1 करोड़ लोगों के गरीबी रेखा के नीचे जाने की आशंका, World Bank ने जारी की रिपोर्ट

वेबदुनिया न्यूज डेस्क
बुधवार, 3 अप्रैल 2024 (19:10 IST)
World Bank Report : विश्व बैंक ने कहा है कि पाकिस्तान की आर्थिक स्थिति बिगड़ रही है। उसने आगाह किया है कि नकदी संकट से जूझ रहे देश में एक करोड़ से अधिक लोग गरीबी रेखा के नीचे जा सकते हैं। विश्व बैंक की यह आशंका 1.8 प्रतिशत की सुस्त आर्थिक वृद्धि दर के साथ बढ़ती मुद्रास्फीति पर आधारित है जो चालू वित्त वर्ष में 26 प्रतिशत पर पहुंच गई है।
ALSO READ: CAA लागू होने से पाकिस्तानी हिन्दू शरणार्थियों के बीच जगी आस, जानिए क्या है सीएए
लक्ष्यों को हासिल करने से चूक सकता है देश : विश्व बैंक ने पाकिस्तान के वृद्धि परिदृश्य पर अपनी छमाही रिपोर्ट में संकेत दिया कि देश लगभग सभी प्रमुख वृहद आर्थिक लक्ष्यों को हासिल करने से चूक सकता है। रिपोर्ट में कहा गया है कि पाकिस्तान अपने प्राथमिक बजट लक्ष्य से पीछे रह सकता है। वह लगातार 3 साल तक घाटे में रह सकता है। यह अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष की शर्तों के उलट है। मुद्रा कोष ने अनिवार्य रूप से अधिशेष की स्थिति की शर्त रखी हुई है।
 
9.8 करोड़ पाकिस्तानी पहले से ही गरीबी रेखा के नीचे : रिपोर्ट के मुख्य लेखक सैयद मुर्तजा मुजफ्फरी ने कहा कि हालांकि पुनरुद्धार व्यापक है लेकिन यह अभी शुरुआती अवस्था में है। गरीबी उन्मूलन के जो प्रयास हो रहे हैं, वे पर्याप्त नहीं हैं। इसमें कहा गया है कि आर्थिक वृद्धि मामूली 1.8 प्रतिशत पर स्थिर रहने का अनुमान है। वहीं लगभग 9.8 करोड़ पाकिस्तानी पहले से ही गरीबी रेखा के नीचे हैं। इसके साथ गरीबी की दर लगभग 40 प्रतिशत पर बनी हुई है।
ALSO READ: पहले आतंक की फैक्ट्रियां बंद करो, भारत ने पाकिस्तान को खूब सुनाई खरी-खरी
रिपोर्ट में गरीबी रेखा के ठीक ऊपर रह रहे लोगों के नीचे आने के जोखिम को बताया गया है। इसके तहत एक करोड़ लोगों के गरीबी रेखा के नीचे आने का जोखिम है। विश्व बैंक ने कहा कि गरीबों और हाशिए पर खड़े लोगों को कृषि उत्पादन में अप्रत्याशित रूप से फायदा होने की संभावना है, लेकिन यह लाभ लगातार ऊंची महंगाई तथा निर्माण, व्यापार तथा परिवहन जैसे अधिक रोजगार देने वाले क्षेत्रों में सीमित वेतन वृद्धि से बेअसर होगा।
 
दिहाड़ी मजदूरों की मजदूरी केवल 5 प्रतिशत बढ़ी : रिपोर्ट में कहा गया है कि इस वित्त वर्ष की पहली तिमाही के दौरान दिहाड़ी मजदूरों की मजदूरी केवल पांच प्रतिशत बढ़ी जबकि मुद्रास्फीति 30 प्रतिशत से ऊपर थी। विश्व बैंक ने आगाह किया कि बढ़ती परिवहन लागत के साथ-साथ जीवन-यापन खर्च बढ़ने के कारण स्कूल न जाने वाले बच्चों की संख्या में वृद्धि की आशंका है। साथ ही इससे किसी तरह गुजर-बसर कर रहे परिवारों के लिए बीमारी की स्थिति में इलाज में देरी हो सकती है।(भाषा)
Edited By : Chetan Gour 

सम्बंधित जानकारी

Show comments

जरूर पढ़ें

India-Pakistan Conflict : सिंधु जलसंधि रद्द होने पर प्यासे पाकिस्तान के लिए आगे आया चीन, क्या है Mohmand Dam परियोजना

Naxal Encounter: कौन था बेहद खौफनाक नक्‍सली बसवराजू जिस पर था डेढ़ करोड़ का इनाम?

ज्‍योति मल्‍होत्रा ने व्‍हाट्सऐप चैट में हसन अली से कही दिल की बात- कहा, पाकिस्‍तान में मेरी शादी करा दो प्‍लीज

भारत के 2 दुश्मन हुए एक, अब China ऐसे कर रहा है Pakistan की मदद

गुजरात में शेरों की संख्या बढ़ी, खुश हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी

सभी देखें

नवीनतम

आतंकवादी हमलों के पीड़ित और अपराधी को समान नहीं समझा जाना चाहिए : विक्रम मिसरी

MP : भाजपा नेता का आपत्तिजनक वीडियो वायरल, मामले को लेकर पार्टी ने दिया यह बयान

राहुल गांधी का डीयू दौरा विवादों में, विश्वविद्यालय ने जताया ऐतराज, भाजपा ने लगाया यह आरोप

शहबाज शरीफ की गीदड़भभकी, भारत-PAK के बीच जंग के हालात ले सकते थे खतरनाक मोड़

पिता को मरणोपरांत 'कीर्ति चक्र' से सम्मानित किए जाने पर बेटे ने कहा- इस सम्मान के लिए शुक्रिया पापा

अगला लेख