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इस ट्रांसजेंडर ने 20 साल पहले किया था गर्लफ्रेंड का मर्डर, अब इंजेक्‍शन से मिली मौत की सजा

हमें फॉलो करें इस ट्रांसजेंडर ने 20 साल पहले किया था गर्लफ्रेंड का मर्डर, अब इंजेक्‍शन से मिली मौत की सजा
, गुरुवार, 5 जनवरी 2023 (13:59 IST)
फाइल फोटो
कहते है कानून के हाथ बहुत लंबे होते हैं, कातिल कितना भी शातिर हो एक न एक दिन पुलिस के हत्‍थे चढ ही जाता है। अमेरिका में एक ऐसा ही मामला सामने आया है। एम्बर मैकलॉघलिन ने 2003 में अपनी गर्लफ्रेंड बेवर्ली गुएन्थर की हत्या की थी। इतना ही नहीं उसने उसका शव मिसीसिपी नदी के पास फेंक दिया था। हालांकि साल 2016 में एम्बर को सजा सुनाई गई थी। 2021 में कोर्ट ने उसकी मौत की सजा को बरकरार रखा था।

दिलचस्‍प बात है कि कातिल एक महिला ट्रांसजेंडर है। यह पहली बार है जब अमेरिका में किसी ट्रांसजेंडर को सजा दी गई। बल्‍कि अमेरिका के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ।

जानकारी के मुताबिक मंगलवार की देर रात उसे जहरीला इंजेक्शन देकर मौत की सजा दी गई। इस ट्रांसजेंडर महिला का नाम एम्बर मैकलॉघलिन (Amber McLaughlin) है। एम्बर पर अपनी गर्लफ्रेंड की हत्या का आरोप था। एम्बर को मिसौरी शहर के डायग्नोस्टिक एंड करेक्शनल सेंटर में मृत घोषित कर दिया गया।

क्‍यों किया था जीएफ का मर्डर?
दरअसल, एम्‍बर और बेवर्ली गुएन्थर रिश्‍ते में थे। हालांकि दोनों के बीच लिंग परिवर्तन से पहले से ही रिश्ता था। लेकिन कुछ समय बाद दोनों के रिश्ते में कडवाहट आ गई और वे दूर हो गए। लेकिन रिश्‍ता खत्‍म होने के बाद एम्‍बर खुश नहीं था। उसने गर्लफ्रेंड को मारने का प्‍लान बनाया। साल 2003 में एम्बर ने अपनी गर्लफ्रेंड बेवर्ली गुएन्थर की हत्या कर दी थी और शव को मिसीसिपी नदी के पास फेंक दिया। हत्या के 13 साल बाद 2016 में एम्बर को सजा सुनाई गई थी। उसकी सजा को बरकरार रखते हुए उसे मौत की सजा दी गई।

हालांकि एम्बर के वकील ने उसकी सजा को आजीवन कारावास में बदलने की मांग की थी। इस मांग को अस्वीकार कर दिया गया। वकील ने यह भी तर्क दिया था कि एम्बर अपने बचपन में मानसिक और शारीरिक रूप से परेशान थी। लेकिन कोर्ट में वकील की एक नहीं सुनी। गवर्नर को एक लेटर लिखकर कहा गया था कि बचपन में एम्बर ने काफी परेशानियों का सामना किया है। उसके पिता उसके साथ मारपीट करते थे। लेकिन एम्बर न सिर्फ चुपचाप सहती रही, बल्‍कि अपनी पहचान के लिए भी संघर्ष कर रही थी। बता दें कि अमेरिका में किसी ट्रांसजेंडर को मौत की सजा का यह पहला मामला है।
edited by navin rangiyal

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