Hanuman Chalisa

2002 में अंटार्कटिक में इसलिए पिघली बर्फीली चट्टान, अध्ययन रिपोर्ट से हुआ खुलासा

Webdunia
बुधवार, 15 मार्च 2023 (17:32 IST)
नई दिल्ली। एक नए अध्ययन से पता चला है कि 2002 में अंटार्कटिक की 'लार्सन बी' बर्फीली चट्टान के ध्वस्त होने में असामान्य वायुमंडलीय और महासागरीय गर्मी ने भूमिका निभाई थी। उस घटना में रोड द्वीप के आकार का एक विशाल हिमक्षेत्र नाटकीय रूप से चट्टान से अलग हो गया था।

अध्ययन का नेतृत्व करने वाले अमेरिका के पेंसिल्वेनिया स्टेट यूनिवर्सिटी (पेन स्टेट) के वैज्ञानिकों ने कहा कि अध्ययन से पता चला है कि व्यापक रूप से प्रवाह बढ़ना और बार-बार छोटे-छोटे हिमशैल का पिघलना अंटार्कटिक में भविष्य में इस तरह बर्फीली परतों के अलग होने के संकेत हो सकते हैं।

'अर्थ एंड प्लैनेटरी लेटर्स' नामक पत्रिका में यह अध्ययन प्रकाशित हुआ है। वैज्ञानिकों ने कहा कि समुद्र स्तर में वृद्धि की सही भविष्यवाणी के लिए यह समझना महत्वपूर्ण है कि लगातार गर्म तापमान में हिमशैल की स्थिति कैसी होती है।

अध्ययन के प्रमुख लेखक और पेन स्टेट यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर शुजी वांग ने कहा कि लार्सन बी हिम शैल के ध्वस्त होने को आमतौर पर एक स्वतंत्र घटना के रूप में देखा जाता है, लेकिन हमारे अध्ययन से पता चलता है कि परत के पतन में असामान्य वायुमंडलीय और महासागरीय गर्मी ने भूमिका निभाई थी।
Edited By : Chetan Gour (भाषा)

सम्बंधित जानकारी

Show comments

जरूर पढ़ें

जिस नेवी अफसर की पत्‍नी को टीटीई ने ट्रेन से धक्‍का दिया था, उसकी लाश पटरियों पर मिली, आखिर क्‍या है हकीकत?

SMS और WhatsApp पर मिलेगा हाईवे सेफ्टी अलर्ट, Jio और NHAI में बड़ा समझौता

फिर सामने आया Pakistan का घटियापन, श्रीलंका के तूफान पीड़ितों को भेजी एक्सपायरी भोजन सामग्री, भारत खोला था एयरस्पेस

दिल्ली ब्लास्ट केस : स्पेशल NIA कोर्ट ने आमिर राशिद अली की कस्टडी 7 दिन बढ़ाई

फरीदाबाद मॉड्यूल और दिल्ली ब्लास्ट के बाद Rajasthan में विस्फोटक से लदी पिकअप जब्त, 10 किलोमीटर तक तबाही मचा सकता था धमाका

सभी देखें

नवीनतम

Indigo ने रद्द की 70 से ज्‍यादा उड़ानें, कंपनी ने मांगी माफी, जा‍निए क्‍या है वजह

प्रधानमंत्री को बधाई! रुपया 90 के पार चला गया, मनमोहन आए याद

योगी सरकार की गन्ना मूल्य और भुगतान नीतियों से बढ़ा किसानों का आत्मविश्वास

नए आधार एप में घर बैठे बदल सकेंगे नाम और पता, किसी दस्‍तावेज की नहीं होगी जरूरत

सौर ऊर्जा क्षेत्र में योगी सरकार ने लगाई ऐतिहासिक छलांग, 1003 मेगावाट के पार हुई प्रदेश की ऊर्जा क्षमता

अगला लेख