ट्रेफिक के नियमों का पालन क्यों नहीं ‍होता? दुबई में होता है क्योंकि...

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हमारे देश में तेजी से शहरीकरण हुआ। कई शहर बदले और विस्तृत हुए। पहले देश में सिर्फ चार मेट्रो शहर थे और उनकी कई समस्याएं थी। अब कई अन्य शहर तेजी से महानगर की श्रेणी में आ चुके हैं। उनमें भी मेट्रो सिटी जैसी मुश्किलें सामने आने लगी हैं। इन कई समस्याओं में से एक है ट्रेफिक की समस्या। बावजूद इसके की इन शहरों में जमकर प्लानिंग की जाती है, ट्रेफिक यहां वहां जाम नजर आता है। इसके अलावा भारत के लगभग हर शहर में लोग ट्रेफिक के नियमों का मखौल उड़ाने के आदी हैं। कभी रिश्वत, पहचान या रुआब के साथ साथ दूसरे किसी तरीके से बचने के उपाय लगभग हर भारतीय को आते हैं।


 
 
तेजी से बड़े शहरों की श्रेणी में उभरे अहमदाबाद, अजमेर, रायपुर, भोपाल, बैंगलोर, हैदराबाद, इन्दौर, पुणे और ऐसे ही कई अन्य शहरों में ट्रेफिक की समस्या काफी गहरी है। इन शहरों में छोटे शहरों से अलग, समय पर पहुंचने का चलन है। चाहे ऑफिस हो या बहुत दूर स्थित शिक्षण संस्थान। हर जगह वक्त की पाबंदी और मुश्किल बन जाता है विकराल मुंह फाड़े ट्रेफिक। इससे बचकर निकलना लगभग नामुमकिन नजर आता है। 
 
विश्व में कई देशों में ऐसे और इनसे भी बड़े, विकसित शहर हैं परंतु वहां ट्रेफिक एक समस्या होते हुए भी कुछ हद तक अनुशासित होता है। हम अक्सर सुनते हैं कि विदेशोंं में बेहतर ट्रेफिक है और वहां नियम भी सख्त हैं।  

हालांकि भारत में भी बहुप्रतीक्षित मोटर यान ‘‘संशोधन’’ विधेयक 2016 को इसी साल मंजूरी प्रदान कर दी जिसमें यातायात नियमों के उल्लंघन पर भारी जुर्माना लगाने का प्रस्ताव है। इन प्रस्तावों में शराब पीकर गाड़ी चलाने पर 10 हजार रूपए तक का जुर्माना और ‘‘हिट एंड रन’’ मामलों के लिए दो लाख रूपए का मुआवजा शामिल हैं।
 
इसके अलावा इसमें निर्धारित गति से तेज रफ्तार में गाड़ी चलाने पर 1,000 से 4,000 रपये तक के जुर्माने का प्रावधान किया गया है। इस कानून के प्रावधानों के अनुसार बीमा के बिना गाड़ी चलाने पर 2,000 रुपये का जुर्माना और या तीन महीने की जेल हो सकती है। बिना हेलमेट के वाहन चलाने पर 2,000 रुपये का जुर्माना और तीन महीने के लिए लाइसेंस निलंबित हो सकता है।
 
यातायात के नियम अब भारत में भी पहले से सख्त किए गए हैं, लेकिन सवाल यह है कि पालन फिर भी उस पैमाने पर नहीं हो रहा है। बिना हेलमेट, बिना लायसेंस, तेज़ रफ्तार के बहुत कम केस अदालत तक पहुंचते हैं। सवाल तुरंत कार्रवाई होने का है।  

दुबई दुनिया के अतिविकसित शहरों में शुमार है। यहां गाड़ियों और लोगों की कोई कमी नहीं परंतु फिर भी ट्रेफिक दुबई में समस्या के तौर पर सामने नहीं आता। इसकी वजह है ट्रेफिक के नियमों का सख्ती से पालन। आइए जानते हैं क्या है दुबई के ट्रेफिक नियम और उन्हें तोड़ने की सजा। 
 
खतरनाक ड्राइविंग किस शहर में नहीं होती। ऐसे ड्राइवर न सिर्फ अपनी जान जोखिम में डालते हैं बल्कि अन्य कई लोगों के लिए भी मुश्किल खड़ी कर देते हैं। इस तरह की ड्राइविंग करते हुए पकड़े जाने पर, दुबई में 2000 यूएई दिहरम, जो करीब 36,000 रुपए के बराबर होते हैं का जुर्माना लगता है। यह जुर्माना ड्राइवर के 12 पाइंट कम होने के अलावा होता है और 30 दिन के लिए वाहन को जब्त कर लिया जाता है। 
 
शराब के नशे में या अन्य किसी प्रकार का नशा कर गाडी चलाते हुए पकड़े जाने पर जुर्माना कोर्ट के द्वारा निर्धारित होता है। वाहन जब्त होकर सरकार के पास 60 दिन के लिए रहता है और ड्राइवर के इसमें 24 पाइंट कम हो जाते हैं। 
 
बिना नंबरप्लेट की गाड़ी चलाने के जुर्म में 1000 (18,000 रुपए) यूएई दिहरम का जुर्माना लगता है। इसमें ड्राइवर के 24 पाइंट कम होते हैं और वाहन 60 दिन तक के लिए जब्त कर लिया जाता है।
 
किसी की मृत्यु हो जाने पर जुर्माने का निर्धारण कोर्ट द्वारा किया जाता है। इसमें 12 पाइंट कम होते हैं और 30 दिन के लिए वाहन जब्त कर लिए जाते हैं। 
 
किसी को टक्कर मारने के बाद न रूकने की सूरत में ड्राइवर पर लगने वाला जुर्माना कोर्ट की मर्जी पर होता है। यह 24 पाइंट की कमी लाता है और 60 दिन के लिए वाहन जब्त कर लिया जाता है। 
 
लापरवाहीपूर्वक गाड़ी चलाने पर 2000 यूएई दिहरम ( 36,000 रुपए) का जुर्माना होता है। इसमें 12 पाइंट कम हो जाते हैं और  30 दिन तक के लिए वाहन सरकार के पास रहता है। 
 
नियत स्पीड 60 किमी/घंटा से अधिक स्पीड होने पर 1000 यूएई दिहरम (18,000 रूपए) का जुर्माना और 12 पाइंट की कमी हो जाती है। 30 दिन वाहन सरकार द्वारा जब्त कर लिया जाता है। 
 
जनता की जान जोखिम डालने वाली ड्राइविंग करने पर 1000  यूएई दिहरम (18,000 रूपए) का जुर्माना लगाया जाता है और 12 पाइंट कम कर दिए जाते हैं। 30 दिन वाहन पर सरकार के पास रहता है। 
 
रेडलाइट का उल्लघंन करने पर 800 यूएई दिहरम (14,400 रुपए) का जुर्माना और 8 पाइंट की कमी की जाती है। यह 15 दिन वाहन सरकार के पास रहता है। 
 
ट्रेफिक पुलिसमेन को देखकर भागने के जुर्म में लगने वाला जुर्माना भी 800 यूएई दिहरम (14,400 रुपए) है। इसमें 12 पाइंट कम होते हैं और 30 दिन तक के लिए वाहन सरकार द्वारा जब्त कर लिया जाता है। 
 
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