वाशिंगटन। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अमेरिकी कामगारों की हित में एच-1बी वीजा के साथ ही अन्य विदेशी कार्यवीजा पर लगे प्रतिबंधों को तीन महीनों के लिए बढ़ा दिया है।
ट्रंप ने कहा कि कोरोना वायरस का इलाज और वैक्सीन उपलब्ध है, लेकिन श्रम बाजार और सामुदायिक स्वास्थ्य पर महामारी का असर पूरी तरह खत्म नहीं हुआ है।
इस फैसले से बड़ी संख्या में भारतीय आईटी पेशेवर और कई अमेरिकी तथा भारतीय कंपनियां प्रभावित होंगी, जिन्हें अमेरिकी सरकार ने एच-1बी वीजा जारी किया था।
ट्रंप ने पिछले साल 22 अप्रैल और 22 जून विभिन्न श्रेणियों के कार्य वीजा पर प्रतिबंध लगाने का आदेश दिया था। उक्त आदेश 31 दिसंबर को खत्म हो रहा था, और उससे कुछ घंटों पहले ट्रंप ने गुरुवार को इसे 31 मार्च तक बढ़ाने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि जिन वजहों से ये प्रतिबंध लगाए गए थे, वे नहीं बदले हैं।
एच-1बी वीजा एक गैर-अप्रवासी वीजा है जो अमेरिकी कंपनियों को कुछ व्यवसायों के लिए विदेशी श्रमिकों को नियुक्त करने की अनुमति देता है, जहां सैद्धांतिक या तकनीकी विशेषज्ञता की आवश्यकता होती है। प्रौद्योगिकी कंपनियां भारत और चीन जैसे देशों से प्रत्येक वर्ष दसियों हजार कर्मचारियों को नियुक्त करने के लिए इस वीजा पर निर्भर हैं।
इस फैसले से अपने एच-1बी वीजा के नवीनीकरण का इंतजार कर रहे भारतीय पेशवरों पर भी असर पड़ेगा। (भाषा)