अंकारा। तुर्की (तुर्किये) और सीरिया में विनाशकारी भूकंप से करीब 30,000 लोग मारे जा चुके हैं। विशेषकर तुर्की में चारों और बर्बादी तस्वीरें दिखाई दे रही है। भूकंप के बाद 140 घंटे से अधिक समय से बचाव अभियान जारी है, सोशल मीडिया पर आ रही कई तस्वीरें जिंदगी बचाने की जंग में सकारात्मकता का संचार कर रही है। दक्षिण तुर्की में राहत एवं बचाव टीमों ने शनिवार को इमारत का मलबा हटाते हुए एक गर्भवती महिला और उसके भाई को सुरक्षित निकाला। 138 घंटे बाद हुए इस रेस्क्यू को चमत्कार से कम नहीं माना जा रहा है।
समाचार एजेंसी अनादोलु के अनुसार कहारनमारस प्रांत के ओनिकीसुबत जिले में सोमवार को आए विनाशकारी भूकंप के बाद 11 मंजिला इमारत के मलबे के नीचे से 26 वर्षीय मोहम्मद हबीप को बचाया गया। फतमा ओयेल को भूकंप के 138 घंटे बाद अंटाक्या जिले में एक ढह गई इमारत के मलबे से निकाला गया था।
इसी तरह गंजियांटेप में भूकंप के 133 घंटे से अधिक समय बीतने के बाद इमारत के मलबे में दबी 13 वर्षीय एस्मा सुल्तान को भी निकाला गया है।
तुर्की में गत सोमवार को रिक्टर पैमाने पर 7.7 और 7.6 तीव्रता के दो शक्तिशाली भूकंप के झटके महसूस किए गए। जिसका केन्द्र कहरामनमारस प्रांत था। अदाना, अदियामन, दियारबाकिर, गाज़ियांटेप, हटे, किलिस, मालट्या, उस्मानिया और सनलीउफ़ा सहित 10 प्रांतों में 1.30 करोड़ से अधिक लोग विनाशकरी भूकंप से प्रभावित हुए हैं।
भूकंप के बाद राहत और बचाव कार्य में भारत समेत कई देशों की टीमें जुटी हुई है। जिंदगी बचाने की जंग में कम से कम 218,406 खोज और बचाव कर्मी जुटे हुए हैं। (एजेंसी)
Edited by : Nrapendra Gupta
चित्र सौजन्य : NDRF टविटर अकाउंट