प्रथमेश व्यास
यूरोपीय महाद्वीप का नक्शा देखने पर यूक्रेन और तुर्की के बीच एक अंडाकार जलाशय दिखाई देता है, जिसे काला सागर (Black Sea) कहा जाता है। इसे ये नाम इसलिए दिया गया क्योकि इसके पानी में हाइड्रोजन भारी मात्रा में पाया जाता है, जिसके कारण इसमें डाली जाने वाली कोई भी चीज कुछ देर बाद काली पड़ जाती है। काले सागर में आए दिन भयंकर तूफान आते रहते हैं, जिनके कारण नाविकों को रास्ता खोजने में कठिनाई होती है। इसी काले सागर में स्थित स्नेक आइलैंड पर यूक्रेनी सेना ने फिर से अपना अधिकार जमा लिया है। आइए विस्तार से जानते हैं...
इस आइलैंड को जमिनाइ (Zminyii) या स्नेक आइलैंड कहा जाता है और ये महज 42 एकड़ में फैला हुआ है। रूस-यूक्रेन युद्ध की शुरुआत में रूस ने इस आइलैंड पर कब्जा कर लिया था, लेकिन 30 जून को खबर आती है कि यूक्रेनी सैनिकों ने स्नेक आइलैंड को फिर से हासिल कर लिया है और रूसी सैनिकों को वहां से खदेड़ दिया है। इसे रूस की बड़ी हार के रूप में देखा जा रहा है।
रूस-यूक्रेन के लिए क्यों जरूरी है स्नेक आइलैंड?
स्नेक आइलैंड यूक्रेन की सीमा से सर्फ 35 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। दक्षिणी यूक्रेन के ओडेसा शहर में यूक्रेन के अनाज के भंडार हैं, जहां से यूक्रेन दुनियाभर में अनाज भेजता है। पोर्ट से निकले हुए जहाज स्नेक आइलैंड से होकर गुजरते थे। युद्ध की शुरुआत में रूस ने सबसे पहले इसी आइलैंड पर कब्जा किया था, जिससे यूक्रेन अनाज का निर्यात न कर पाए। स्नेक आइलैंड रोमानिया की सीमा से भी टकराता है और रोमानिया NATO का सदस्य है। इसलिए भी इसपर कब्जा करना अधिक मायने रखता है।
युद्ध की शुरुआत में इस आइलैंड पर रूस ने कब्जा किया था, जिसके बाद से रूस इस आइलैंड को यूक्रेन पर हवाई हमले करने के लिए इस्तेमाल करता था। लेकिन 30 जून को यूक्रेन ने इसे वापस अपने कब्जे में ले लिया, जिसके कारण रूस की ओर से यूक्रेन के दक्षिणी इलाकों पर किए जाने वाले हमलों के कमी देखने को मिल सकती है।
कैसे रूस ने गंवाया स्नेक आइलैंड?
अगर रूस इस आइलैंड पर कब्जा बनाए रखता, तो वो पूरे उत्तर-पश्चिमी इलाके को नियंत्रित कर सकता था। लेकिन, चारों ओर से खुला होने के कारण ये आइलैंड सुरक्षा की दृष्टि से कमजोर माना जाता है। इस आइलैंड से यूक्रेन की सीमा महज 35 किलोमीटर दूर है, जिसके कारण यूक्रेन की मिसाइलें इस आइलैंड पर आसानी से पहुंच सकती हैं। यूक्रेन ने ऐसा ही किया और दूर से ही अपनी एक विशेष तोप के इस्तेमाल से कई दिनों तक हमले जारी रखे और आखिरकार रूसी सैनिकों को आइलैंड से भागना पड़ा।
क्या स्नेक आइलैंड पलट देगा युद्ध के परिणाम?
स्नेक आइलैंड पर यूक्रेन का आधिपत्य स्थापित होना युद्ध में बड़ा बदलाव ला सकता है। यूक्रेनी रक्षा विशेषज्ञ इसे बड़ी रणनीतिक जीत बता रहे हैं, लेकिन देखा जाए तो रूस को इस हार से ज्यादा फर्क नहीं पड़ने वाला। रूस पूरी ताकत से यूक्रेन के डोनबास शहर पर कब्जा जमाने में लगा हुआ है।
सवाल ये उठता है कि स्नेक आइलैंड पाने के बाद क्या अब यूक्रेन फिर से अनाज का निर्यात शुरू कर पाएगा। यूक्रेन की अगली फसल जुलाई में शुरू होने वाली है, इसलिए यूक्रेन को जल्द से जल्द अनाज के निर्यात को लेकर फैसला लेना होगा। अगर यूक्रेन ने ऐसा नहीं किया तो देश में अनाज के भंडारण से जुड़ी एक और नई समस्या खड़ी हो जाएगी।