संयुक्त राष्ट्र। संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंतोनियो गुतारेस ने एक साक्षात्कार में कहा कि उत्तर कोरिया के परमाणु एवं मिसाइल कार्यक्रम को लेकर तनातनी हालिया वर्षों में दुनिया का सबसे खतरनाक संकट है और इसे लेकर वह गंभीर रूप से चिंतित हैं।
इस बीच, संयुक्त राष्ट्र विशेषज्ञों ने कहा है कि उत्तर कोरिया ने संयुक्त राष्ट्र प्रतिबंधों का उल्लंघन करते हुए जुलाई से अगस्त तक चीन, भारत, मलेशिया, श्रीलंका और अन्य देशों को कम से कम 27 करोड़ डॉलर का कोयला, लौह और अन्य सामान अवैध रूप से निर्यात किया।
इस बीच फ्रांसीसी समाचार पत्र ली जर्नल दु दिमांशे में प्रकाशित साक्षात्कार में गुतारेस ने कहा कि अब तक, हमने ऐसे युद्ध देखे हैं जो सोचे समझे निर्णय के बाद शुरू किए गए थे। उन्होंने कहा कि हम यह भी जानते हैं कि गंभीरता से विचार किए बिना काम करने के कारण बढ़े तनाव के कारण अन्य संघर्ष शुरू हुए।
गुतारेस ने कहा कि हमें यह उम्मीद करनी होगी कि इस खतरे की गंभीरता हमें बहुत देर होने से पहले तर्क के मार्ग पर ले जाएगी। उन्होंने कहा कि यह सबसे गंभीर (संकट) है कि जो हमने हालिया वर्षों में देखा।
गुतारेस ने कहा कि अहम प्रश्न उत्तर कोरिया को परमाणु एवं बैलिस्टिक मिसाइल कार्यक्रम से रोकना है और संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्तावों का सम्मान करना है।
उन्होंने कहा कि हमें हर कीमत पर सुरक्षा परिषद की एकता को बनाए रखना है क्योंकि यह एक मात्र माध्यम है जिसके जरिए सफलता की उम्मीद के साथ राजनयिक पहल की जा सकती है।
इस बीच प्रतिबंधों पर नजर रखने वाले विशेषज्ञों ने एक रिपोर्ट में कहा कि किम जोंग उन की सरकार वस्तुओं, हथियारों, नौवहन और वित्त संबंधी प्रतिबंधों का लगातार उल्लंघन कर रही है। पैनल ने कहा कि वह अफ्रीका और सीरिया में उत्तर कोरिया की प्रतिबंधित गतिविधियों की संलिप्तता की जांच कर रहा है।
चीन एवं रूस के विरोध के बावजूद अमेरिका चाहता है कि सुरक्षा परिषद उत्तर कोरिया के खिलाफ सोमवार को और कड़े प्रतिबंध लागू करे। (भाषा)