गरीबी हटाने में भारत के अनुभवों से सीख लेगी दुनिया, UN का प्रस्ताव

Webdunia
मंगलवार, 30 जून 2020 (16:56 IST)
संयुक्त राष्ट्र। संयुक्त राष्ट्र महासभा (United Nations General Assembly) के अध्यक्ष तिजानी मुहम्मद बंदे ने कहा है कि गरीबी उन्मूलन के लिए वैश्विक गठबंधन के संस्थापक सदस्य के तौर पर भारत निर्धनता हटाने में हासिल अपनी कामयाबी से सबको रूबरू करा सकता है। साथ ही वह कृषि क्षेत्र में अपने अनुभवों, प्रौद्योगिकी एवं निवेश के इस्तेमाल को भी साझा कर सकता है जिससे अन्य देश सीख सकते हैं।

तिजानी मुहम्मद बंदे मंगलवार को यहां कि 'गरीबी उन्मूलन के लिए गठबंधन' को आधिकारिक रूप से शुरू करेंगे, जो संयुक्त राष्ट्र के सदस्य देशों को विश्व शांति, मानवाधिकारों और सतत विकास पर पड़ने वाले खतरों के प्रति जागरूक करने के लिए एक मंच के तौर पर काम करेगा।
 
इसका लक्ष्य सदस्य राष्ट्रों, अंतरराष्ट्रीय समुदाय और अन्य साझेदारों को गरीबी उन्मूलन की दिशा में उठाए जाने वाले कदमों के प्रति समर्थन जुटाने के लिए एकजुट करना भी है। भारत संस्थापक सदस्य के तौर पर गठबंधन में शामिल हुआ है और इस फोरम का लक्ष्य कोविड-19 वैश्विक महामारी के बाद वैश्विक अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने के प्रयासों पर केंद्रित है।
 
गठबंधन की शुरुआत की घोषणा से पहले मुहम्मद बंदे ने पीटीआई के साथ एक साक्षात्कार में कहा कि भारत को गरीबी उन्मूलन में मिली सफलता विश्व के लिए सफलता है क्योंकि इसमें बड़ी आबादी शामिल है और भारत गरीबी हटाने के अपने अनुभवों को मेज पर चर्चा के लिए ला सकता है। 
 
उन्होंने कहा कि भारत का बड़ा संघीय तंत्र, विभिन्न नीतियां देश के विभिन्न क्षेत्रों में आजमाई गई हैं और हम उस दृष्टिकोण से सीखने की कोशिश कर सकते हैं। हम यह भी सीख सकते हैं कि इससे नए विचार कैसे प्राप्त हो सकते हैं। 
 
नाइजीरिया के मुहम्मद बंदे ने कहा कि आबादी के लिहाज से भारत बड़ा है वहीं यह अनुभव के लिहाज से भी बड़ा है जो यह गरीबी उन्मूलन को लेकर साझा कर सकता है।
 
 उन्होंने कहा कि इसलिए निश्चित तौर पर भारत कुछ समय से गरीबी से निपटने में कामयाब रहा है। उसका गठबंधन का हिस्सा होना हमारे लिए उपयोगी है। कुछ अन्य देश भी यही कर रहे हैं। इसलिए भारत के पास कृषि, प्रौद्योगिकी और निवेश से जुड़े नये विचारों के क्षेत्र में वह क्या करता है, यह बताने के लिए उसके पास बहुत कुछ है।
 
संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम के मुताबिक, 2006 से 2016 के बीच, भारत में 27.1 करोड़ लोग गरीबी से बाहर आए हैं और इस दौरान देश ने बहुआयामी गरीबी सूचकांक में बहुत तेजी से गिरावट दर्ज की गई। (भाषा)

सम्बंधित जानकारी

Show comments

जरूर पढ़ें

RJD में कौन है जयचंद, जिसका लालू पु‍त्र Tej Pratap Yadav ने अपने मैसेज में किया जिक्र

Floods in Northeast India : उफनती बोमजीर नदी में फंसे 14 लोगों को IAF ने किया रेस्क्यू

शिवसेना UBT ने बाल ठाकरे को बनाया 'सामना' का एंकर, निकाय चुनाव से पहले AI पर बड़ा दांव

विनाशकारी बाढ़ से असम अस्त व्यक्त, गौरव गोगोई के निशाने पर हिमंता सरकार

डोनाल्ड ट्रंप का बड़ा एक्शन, मस्क के करीबी इसाकमैन नहीं बनेंगे NASA चीफ

सभी देखें

नवीनतम

राहुल गांधी 10 साल बाद पहुंचेंगे भोपाल में प्रदेश कांग्रेस दफ्तर, संगठन सृजन अभियान का करेंगे आगाज

पाकिस्तान के कराची शहर में भूकंप के 3 झटके, जानिए कितनी रही तीव्रता...

रूस को चकमा देकर यूक्रेन ने कैसे किए ड्रोन हमले, 40 सैन्य विमान तबाह, 5 हवाई अड्डों पर अटैक

बड़ी खबर: सुकमा जिले में 16 नक्सलियों ने किया आत्मसमर्पण, केरलापेंदा गांव हुआ माओवाद मुक्त

क्या आपका 500 रुपए का नोट नकली तो नहीं? 37% बढ़ गए जाली नोट, इस तरह आसानी से पहचानें Fake currency

अगला लेख