संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट : दुनियाभर में लापता हुईं महिलाओं में से 4.58 करोड़ भारत की

Webdunia
मंगलवार, 30 जून 2020 (14:23 IST)
संयुक्त राष्ट्र। दुनियाभर में पिछले 50 साल में लापता हुईं 14 करोड़ 26 लाख महिलाओं में से 4 करोड़ 58 लाख महिलाएं भारत की हैं। संयुक्त राष्ट्र ने मंगलवार को एक रिपोर्ट में कहा कि लापता महिलाओं की संख्या चीन और भारत में सर्वाधिक है।
 
संयुक्त राष्ट्र जनसंख्या कोष (यूएनएफपीए) द्वारा मंगलवार को जारी वैश्विक आबादी की स्थिति 2020 रिपोर्ट में कहा गया है कि पिछले 50 वर्षों में लापता हुईं महिलाओं की संख्या दोगुनी हो गई है। यह संख्या 1970 में 6 करोड़ 10 लाख थी और 2020 में बढ़कर 14 करोड़ 26 लाख हो गई है।
ALSO READ: 'सिंदूर' और 'चूड़ी' से महिला का इनकार, पति को मिला तलाक
रिपोर्ट में बताया गया है कि भारत में 2020 तक 4 करोड़ 58 लाख और चीन में 7 करोड़ 23 लाख महिलाएं लापता हुई हैं। रिपोर्ट में प्रसव के पूर्व या प्रसव के बाद लिंग निर्धारण के संचई प्रभाव के कारण लापता लड़कियों को भी इसमें शामिल किया गया है।
 
इसमें कहा गया है कि 2013 से 2017 के बीच भारत में करीब 4 लाख 60 हजार बच्चियां हर साल जन्म के समय ही लापता हो गईं। एक विश्लेषण के अनुसार कुल लापता लड़कियों में से करीब दो-तिहाई मामले और जन्म के समय होने वाली मौत के एक तिहाई मामले लैंगिक आधार पर भेदभाव के कारण लिंग निर्धारण से जुड़े हैं।
 
रिपोर्ट में विशेषज्ञों की ओर से मुहैया कराए गए आंकड़ों के हवाले से कहा गया है कि लैंगिक आधार पर भेदभाव की वजह से (जन्म से पूर्व) लिंग चयन के कारण दुनियाभर में हर साल लापता होने वाली अनुमानित 12 लाख से 15 लाख बच्चियों में से 90 से 95 प्रतिशत चीन और भारत की होती हैं। इसमें कहा गया है कि प्रतिवर्ष जन्म की संख्या के मामले में भी ए दोनों देश सबसे आगे है।
ALSO READ: विनी महाजन बनीं पंजाब की पहली महिला मुख्य सचिव
रिपोर्ट में कहा गया है कि सरकारों ने लिंग चयन के मूल कारण से निपटने के लिए कदम उठाए हैं। भारत और वियतनाम ने लोगों की सोच को बदलने के लिए मुहिम शुरू की है। रिपोर्ट में कहा गया है कि लड़कियों के बजाय लड़कों को प्राथमिकता देने के कारण कुछ देशों में महिलाओं और पुरुषों के अनुपात में बड़ा बदलाव आया है और इस जनसांख्यिकीय असंतुलन का विवाह प्रणालियों पर निश्चित ही असर पड़ेगा।
 
उसने कहा कि कुछ अध्ययनों में यह सुझाव दिया गया है कि भारत में संभावित दुल्हनों की तुलना में संभावित दूल्हों की संख्या बढ़ने संबंधी स्थिति 2055 में सबसे खराब होगी। भारत में 50 की उम्र तक एकल रहने वाले पुरुषों के अनुपात में 2050 के बाद 10 फीसदी तक वृद्धि का अनुमान जताया गया है। (भाषा)

सम्बंधित जानकारी

सोनम के भाई गोविंद के गले लगकर फूट पड़ी राजा रघुवंशी की मां उमा

सबूत देख फूट-फूटकर रोई Sonam Raghuvanshi, शिलांग SIT के सामने कबूला- हां, मैं ही...

जहां दिखें, वहीं मार दो, 51 करोड़ के इनामी अलकायदा आतंकी ने डोनाल्ड ट्रंप को दी धमकी

शादी, हनीमून, हत्या और प्यार के जुनून में लिपटी सोनम रघुवंशी की हेट स्टोरी, पढ़िये 360 डिग्री कहानी

IRCTC का नया तत्काल टिकट रूल, अब यात्रियों को एक दिन पहले मिलेगा कन्फर्म टिकट का अपडेट

बाबा सिद्दीकी हत्याकांड का मास्‍टरमाइंड जीशान अख्तर गिरफ्तार

दिल्ली में 5 महीने में 134 अवैध बांग्लादेशी हुए गिरफ्तार

हेलीकॉप्टर सेवा में यात्रियों की सुरक्षा से खिलवाड़ बर्दाश्त नहीं होगा : पुष्कर सिंह धामी

Raja Raghuvanshi Case : शिलांग कोर्ट ने सोनम और उसके 4 साथियों को 8 दिन की पुलिस कस्टडी में भेजा, जांच में सामने आए नए खुलासे

यूपीएससी ने जारी किया सिविल सेवा प्रारंभिक परीक्षा का परिणाम

अगला लेख