वाशिंगटन। अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने घोषणा की कि अफगानिस्तान में अमेरिकी हवाई हमले में अल-कायदा का सरगना अयमान अल-जवाहिरी मारा गया है। जवाहिरी अमेरिकी कार्रवाई में ओसामा बिन-लादेन के मारे जाने के बाद अल-कायदा का सरगना बना था। उस पर 25 मिलियन डॉलर का इनाम था। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने जवाहिरी के मारे जाने की पुष्टि की है।
अमेरिका ने रविवार को काबुल में यह अभियान छेड़ा था। अल-जवाहिरी एक सुरक्षित घर की बालकनी में था, जब ड्रोन ने उस पर 2 मिसाइलें दागीं। हमले में जवाहिरी मारा गया।
अमेरिका के राष्ट्रपति बाइडन ने कहा कि अमेरिकी खुफिया विभाग को ज़वाहिरी के उसके काबुल स्थित घर में अपने परिवार के साथ छिपे होने की जानकारी मिली थी। बाइडन ने अभियान के लिए पिछले सप्ताह अनुमति दी थी और इसे रविवार को अंजाम दिया गया।
बाइडन ने कहा कि वह फिर कभी अफगानिस्तान को आतंकवादियों के लिए सुरक्षित पनाहगाह बनने नहीं देगा, क्योंकि वह चला गया है और हम सुनिश्चित करेंगे कि ऐसा कुछ दोबारा कभी ना हो। उन्होंने कहा कि आतंकवाद का सरगना मारा गया।
बाइडन ने हालांकि अपने बयान में अमेरिका खुफिया समुदाय की सराहना करते हुए कहा कि उनकी असाधारण दृढ़ता और कौशल के लिए धन्यवाद जिसकी वजह से यह अभियान सफल हुआ।
अल-जवाहिरी ने अल-कायदा को मजबूत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। पहले 1998 से उसने बिन-लादेन की छत्रछाया में काम किया और बाद में उसके उत्तराधिकारी के तौर पर। खुफिया विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार, अल-जवाहिरी जिस घर में मारा गया वह तालिबान के शीर्ष सरगना सिराजुद्दीन हक्कानी के एक शीर्ष सहयोगी का है।
अमेरिका पर 21 साल पहले 11 सितंबर 2001 में हुए 9/11 हमलों की साजिश अल-ज़वाहिरी और ओसामा बिन-लादेन ने मिलकर रची थी। ओसामा बिन-लादेन को यूएस नेवी सील्स ने दो मई 2011 को पाकिस्तान में एक अभियान में मार गिराया था। इस आतंकी हमले में 3000 लोगों की मौत हुई थी।