यूक्रेन संघर्ष को लेकर अमेरिका और रूस के बीच तनाव फिर से बढ़ रहा है। इस बीच ऐसी खबर सामने आई है, जो दुनिया टेंशन बढ़ाने वाली है। रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने बुधवार को देश की परमाणु सेनाओं के बड़े अभ्यास की निगरानी की है। क्रेमलिन की रिपोर्ट के मुताबिक इस अभ्यास में थल, जल और वायु– तीनों सेनाओं की भागीदारी रही। तो क्या दुनिया पर वर्ल्ड वॉर का खतरा फिर मंडरा रहा है। रूस अभ्यास के जरिए अपने विरोधियों को यह भी याद दिलाता है कि उसके पास दुनिया का बड़ा परमाणु शस्त्रागार है।
क्रूज मिसाइलों का सफल परीक्षण
रूसी रक्षा मंत्रालय के मुताबिक अभ्यास के दौरान इंटरकॉन्टिनेंटल बैलिस्टिक मिसाइल (ICBM) और एयर-बेस्ड क्रूज मिसाइलों का सफल प्रक्षेपण किया गया। ड्रिल में यार्स ICBM लॉन्चर, ब्रायंस्क परमाणु पनडुब्बी और टीयू-95एमएस बॉम्बर शामिल थे. इन सभी हथियारों को रूस की परमाणु सुरक्षा का महत्वपूर्ण हिस्सा माना जाता है। एक्सपर्ट्स के मुताबिक इस तरह के अभ्यासों से रूस यह संदेश देना चाहता है कि उसकी रणनीतिक क्षमता पूरी तरह सक्रिय है और किसी भी हालात में जवाब देने में सक्षम है।
मीडिया खबरों के मुताबिक सेना के जनरल स्टाफ के प्रमुख जनरल वालेरी गेरासिमोव ने वीडियो कॉल के माध्यम से पुतिन को सारी जानकारी दी। इस दौरान पुतिन एक सफेद गोलाकार टेबल पर बैठे थे और सामने लगी बड़ी सी स्क्रीन पर गेरासिमोव और रक्षा मंत्री आंद्रेई बेलौसोव थे।
राष्ट्रपति ने दिया था अभ्यास का आदेश
राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने इन परीक्षणों के निर्देश तब दिए जब अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने मंगलवार को बयान दिया कि रूसी राष्ट्रपति के साथ हंगरी में उनकी बैठक निकट भविष्य में नहीं होने जा रही है, क्योंकि वह नहीं चाहते कि बैठक बिना किसी ठोस नतीजे के खत्म हो जाए। इससे पहले सोमवार को अमेरिका और रूस के विदेश मंत्रियों ने टेलीफोन पर दोनों नेताओं की प्रस्तावित बैठक के संबंध में बात की थी। रूस का कहना है कि वह किसी भी ऐसे समझौते पर सहमत नहीं होगा जो केवल संघर्षविराम (Ceasefire) तक सीमित हो। रूसी उप विदेश मंत्री सर्गेई रयाबकोव ने कहा कि सम्मेलन की तैयारियां जारी हैं और बातचीत के कई रूप हो सकते हैं।
नाटो को जवाब
रूस का यह अभ्यास नाटो को जवाब देने की भी कोशिश है। नाटो ने इस महीने की शुरुआत में अपना वार्षिक परमाणु अभ्यास किया। इसमें एफ-35ए लड़ाकू जेट और बी-52 बमवर्षक विमानों के साथ 13 देशों के 60 विमानों ने हिस्सा लिया। Edited by : Sudhir Sharma