वालमार्ट ने स्वचालित रोबो मधु‍मक्खियों का पेटेंट कराया

Webdunia
सोमवार, 19 मार्च 2018 (17:56 IST)
वाशिंगटन। मधुमक्खियों की जनसंख्‍या बड़ी तेजी से खत्म हो रही है। आश्चर्यजनक रूप से एक कंपनी ने रोबो बीज (मधुमक्खी रोबोज) का पेटेंट कराने का आवेदन किया है ताकि इन स्वचालित मधु‍मक्खियों के सहारे कृषि क्षेत्र में परागण की समस्या से निपटा जा सके। उल्लेखनीय है कि एक बहुत बड़ी कंपनी द्वारा कराए जाने वाला पेटेंट विशेष तौर पर पराग कणों को फैलाने वाले ड्रोन्स के रूप में काम करेगा। 
 
वि‍दित हो कि ये छोटे-छोटे रोबो मधुमक्खियों की तरह से काम करेंगे जोकि फसलों के परागण का काम मधुमक्खियों की तरह से स्वचालित तरीके से कर सकें। ये रोबो मधुमक्खियां सेंसर्स और कैमरों की मदद से फसलों की देखरेख कर सकेंगी। ये मधुमक्खियां लगातार अपने आप सक्रिय बनी रहेंगी और वास्तविक मधुमक्‍खियों की तरह से प्रभावशाली तरीके से परागण का काम कर सकेंगी। 
 
आश्चर्य की बात है कि कृषि क्षेत्र में होने वाला यह पहला पेटेंट नहीं है। इससे पहले वालमार्ट ने पांच और पेटेंट कराए हैं जोकि कृषि के कामों में लगे ड्रोन्स की मदद करेंगे। ये छोटी मशीनें फसलों को होने वाले नुकसान से लेकर कीटनाशकों को छिड़कने तक का काम करेंगे। कृषि के क्षेत्र में स्वचालित और सक्रिय होने वाले ये रोबो न केवल खेती की लागतों में कमी करेंगे वरन् कृषि क्षेत्र की क्षमता भी बढ़ाएंगे। 
 
पर सवाल किया जा सकता है कि इस बात का आश्चर्यजनक पहलू क्या है? साथ ही, वालमार्ट ही ऐसा क्यों कर रही है?
 
पेटेंट संबंधी इस मामले पर कंपनी के रिटेलर्स ने सार्वजनिक स्तर पर कोई टिप्पणी नहीं हैं इसलिए इस बात पर अटकलें लगाई जा सकती हैं कि वालमार्ट को कृषि संबंधी ड्रोन्स में एकाएक इतनी दिलचस्पी क्यों होने लगी है ? एक संभावित कारण यह हो सकता है कि चूंकि वालमार्ट के बहुत सारे स्थानों पर कृषि उत्पादों की बिक्री होती है, इसलिए संभव है कि कंपनी खाने की उन चीजों पर अधिकाधिक नियंत्रण करना चाहती है, जिसे वह बेचती है। 
 
इसलिए संभव है कि कृषि में अपनी भूमिका बढ़ाकर कंपनी उत्पादों की गुणवत्ता को बेहतर बनाने के साथ ही लागतों को कम करने का इरादा रखती हो। यह एक समुचित स्पष्टीकरण लगता है क्योंकि वालमार्ट ने हाल ही में अपनी ग्रोसरी डिलिवरी सेवा को और फैलाने का इरादा किया है। कंपनी ने जनवरी में भी एक पेटेंट के लिए आवेदन किया था जिसमें दुकानदारों को इस बात की छूट रहेगी कि वे चाहें तो उत्पादों को अपनाएं या न अपनाएं। इस तरह की सेवा क्षेत्र में कंपनी का दखल इसके कारोबार को गंभीरता देता है और इससे यह भी साबित होता है कि कंपनी अपने उत्पाद की गुणवत्ता को बेहतर बनाना चाहती है। और इसी कारण से कंपनी की रोबो-बीज में दिलचस्पी बढ़ गई है।
 
इस बात को सभी जानते हैं कि दुनिया में मधुमक्खियों की आबादी तेजी से घट रही है और हम परागण की प्रक्रिया को भगवान भरोसे नहीं छोड़ सकते हैं क्योंकि ये छोटे छोटे जीव उस कृषि की रीढ़ हैं जोकि बहुत जरूरी होती है और उस भोजन को पैदा करती है जोकि हम खाते हैं। हालांकि वैज्ञानिक अपनी तरफ से मधुमक्खियों की जनसंख्‍या घटने के कारणों को बेहतर तरीके से समझते हैं और उन्होंने इस समस्या को हल करने के लिए सुझाव भी सामने रखे हैं। इन वालमार्ट कृषि ड्रोन्स की मदद से न केवल खेती को वरन इसके उत्पादों को भी जीवित रखा जा सकता है। विदित हो कि हार्वर्ड यूनिवर्स‍िटी के इंजीनियरिंग विभाग के वैज्ञानिकों ने 2013 से रोबो बीज बनाना शुरू कर दिया है। 

सम्बंधित जानकारी

Show comments

जरूर पढ़ें

ऑटो ड्राइवर ने निकाला कमाई का नायाब तरीका, सुनकर उड़ जाएंगे होश, जानिए कितनी होती है इंकम

अब आसानी से मिलेगा तत्काल टिकट, 10 मिनट सिर्फ आधार OTP से कर सकेंगे बुकिंग

Mahua Moitra marries : कौन हैं पिनाकी मिश्र, जिनसे TMC की तेजतर्रार सांसद महुआ मोइत्रा ने की शादी

Russia-Ukraine war : रूस छुपकर हमला करने वाले ड्रोन पर कर रहा काम, जानें कैसे मचाते हैं दुश्मन देश में तबाही

श्रीकांत शिंदे का बड़ा बयान, पाकिस्तान भारत के खिलाफ करता है राहुल के बयानों का इस्तेमाल

सभी देखें

नवीनतम

जनगणना कार्यक्रम को लेकर BJP ने विपक्ष पर किया पलटवार, झूठ की राजनीति करने का लगाया आरोप

RSS प्रमुख भागवत बोले- राजनीतिक वर्ग के बीच आपसी समझ बनी रहनी चाहिए

मेरे बिना नहीं जीत पाते राष्ट्रपति का चुनाव, एलन मस्क का डोनाल्ड ट्रंप पर पलटवार

क्‍या व्लादिमीर पुतिन की सख्ती के सामने हार गए डोनाल्ड ट्रंप, बोले- यूक्रेन और रूस को कुछ समय तक लड़ने देना बेहतर होगा

Bengaluru Stampede : CM सिद्धारमैया ने पुलिस को माना बेंगलुरु भगदड़ का जिम्मेदार, इंस्पेक्टर से लेकर कमिश्नर तक के अधिकारी सस्पेंड

अगला लेख