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इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन पहुंचा शुभांशु का यान, जानिए क्या होती है डॉकिंग और अनडॉकिंग की प्रक्रिया

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WD Feature Desk

, गुरुवार, 26 जून 2025 (16:26 IST)
What is Docking undocking process:  भारतीय अंतरिक्ष यात्री ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला एक्सिओम-4 (Ax-4) मिशन के तहत स्पेसएक्स ड्रैगन कैप्सूल अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) से जुड़ गया है। लॉन्च के बाद से यह लगभग 26 घंटे की यात्रा पूरी करने के बाद यान ने तय समय से 20 मिनट पहले डॉकिंग की। अंतरिक्ष में यात्रा करना अपने आप में एक बड़ी उपलब्धि है, लेकिन दो अंतरिक्ष यानों को एक-दूसरे से जोड़ना और फिर अलग करना और भी जटिल काम है। इस प्रक्रिया को ही डॉकिंग और अनडॉकिंग कहते हैं। डॉकिंग के ज़रिए अंतरिक्ष यात्री एक यान से दूसरे यान में जा सकते हैं, सामान का आदान-प्रदान कर सकते हैं और कई तरह के वैज्ञानिक प्रयोग कर सकते हैं।  आइये इस आलेख में डॉकिंग तकनीक के बारे में विस्तार से बताते हैं : 
 
डॉकिंग क्या है?
डॉकिंग का मतलब है दो अंतरिक्ष यानों को एक-दूसरे से जोड़ना। यह एक बहुत ही जटिल प्रक्रिया है, जिसमें दोनों यानों को एक-दूसरे के बहुत करीब लाना होता है। इसके लिए दोनों यानों पर सेंसर और कंप्यूटर होते हैं जो एक-दूसरे की स्थिति की निगरानी करते हैं। डॉकिंग के दौरान दोनों यानों को बहुत धीरे-धीरे एक-दूसरे की ओर ले जाया जाता है। जब दोनों यान एक-दूसरे के काफी करीब आ जाते हैं तो वे एक-दूसरे से जुड़ जाते हैं।
 
अनडॉकिंग क्या है?
अनडॉकिंग का मतलब है दो अंतरिक्ष यानों को एक-दूसरे से अलग करना। यह भी एक जटिल प्रक्रिया है। अनडॉकिंग के दौरान दोनों यानों को धीरे-धीरे एक-दूसरे से अलग किया जाता है।
 
डॉकिंग और अनडॉकिंग क्यों महत्वपूर्ण हैं?
अंतरिक्ष स्टेशनों का निर्माण: डॉकिंग के ज़रिए अंतरिक्ष स्टेशनों का निर्माण किया जाता है। अलग-अलग मॉड्यूल को एक-दूसरे से जोड़कर बड़े अंतरिक्ष स्टेशन बनाए जाते हैं।
सामान का आदान-प्रदान: डॉकिंग के ज़रिए अंतरिक्ष यात्री एक यान से दूसरे यान में सामान का आदान-प्रदान कर सकते हैं।
वैज्ञानिक प्रयोग: डॉकिंग के ज़रिए वैज्ञानिक प्रयोग किए जा सकते हैं।
अंतरिक्ष यात्रियों का आदान-प्रदान: डॉकिंग के ज़रिए अंतरिक्ष यात्री एक यान से दूसरे यान में जा सकते हैं।
 
डॉकिंग और अनडॉकिंग में इस्तेमाल होने वाले यान
स्पेस शटल: नासा के स्पेस शटल्स ने कई बार अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) और मीर के साथ डॉकिंग की।
सोयुज: रूस का सोयुज यान ISS के साथ नियमित रूप से डॉक करता है।
प्रोटोन: रूस का प्रोटोन रॉकेट ISS में कार्गो ले जाने के लिए इस्तेमाल होता है।
स्पेसएक्स ड्रैगन: स्पेसएक्स का ड्रैगन कैप्सूल ISS के साथ डॉक करता है।
नॉर्थ्रॉप ग्रुम्मन स्टारलाइनर: नॉर्थ्रॉप ग्रुम्मन का स्टारलाइनर कैप्सूल भी ISS के साथ डॉक करता है।

 

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