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क्या है UNSC? वीटो पावर क्या है और इसके कितने मेंबर हैं?

हमें फॉलो करें क्या है UNSC? वीटो पावर क्या है और इसके कितने मेंबर हैं?
, बुधवार, 23 फ़रवरी 2022 (14:19 IST)
रूस-यूक्रेन संकट (Russia-Ukraine crisis) पर सिर्फ आलोचना के अलावा संयुक्त राष्ट्र की कोई बड़ी भूमिका अभी तक सामने नहीं आई है, लेकिन संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद जो दुनिया में सुरक्षा से जुड़े मसलों पर अहम निर्णय लेती है, लेकिन इस समय दुनिया का ऐसा देश कठघरे में है, जो खुद संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) का स्थायी सदस्य है। 
 
क्या है UNSC? : यूएनएससी यानी संरा सुरक्षा परिषद संयुक्त राष्ट्र के 6 प्रमुख अंगों में से एक है। यूएन की इस सबसे शक्तिशाली संस्था पर अंतरराष्ट्रीय शांति और सुरक्षा सुनिश्चित करने के साथ ही यूएन चार्टर में किसी भी बदलाव को मंजूरी देने की जिम्मेदारी भी होती है।
 
सुरक्षा परिषद की अध्‍यक्षता हर महीने बदलती है। वर्तमान में इसका अध्यक्ष रूस है। अध्यक्षता बदलने का क्रम अल्फाबेटिकल ऑर्डर में होता है। UNSC अंतरराष्ट्रीय शांति और सुरक्षा को बनाए रखने या बहाल करने के लिए कुछ मामलों में प्रतिबंध लगाने या बल प्रयोग का सहारा भी ले सकती है। 
 
5 स्थायी सदस्य : संयुक्त सुरक्षा परिषद के 5 स्थायी सदस्य है। इनमें अमेरिका, रूस, ब्रिटेन, फ्रांस और चीन हैं। इसके साथ ही हर दो साल के लिए 10 अस्थायी मेंबर्स को भी चुना जाता है। किसी मुद्दे पर फैसला लेने के लिए पांचों स्थायी सदस्यों की सहमति आवश्यक होती है। यदि कोई एक सदस्य भी किसी मसले पर विरोध करता है तो फैसला नहीं हो पाता। 
 
10 अस्थायी सदस्य : स्थायी सदस्यों के साथ ही भारत, ब्राजील, अल्बानिया, गैबॉन, घाना, आयरलैंड, केन्या, मैक्सिको, नॉर्वे, UAE अभी संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के अस्थायी सदस्य हैं। अस्थायी सदस्यों को वीटो पॉवर प्राप्त नहीं होता। हालांकि भारत, जापान और ब्राजील जैसे कई देश भी सुरक्षा परिषद की स्थायी सदस्यता की लंबे अरसे से मांग करते आ रहे हैं। 
 
क्या होता है वीटो पॉवर : सुरक्षा परिषद के 5 स्थायी सदस्यों को ही वीटो पावर मिला हुआ है। यह पॉवर काफी महत्वपूर्ण होता है। सुरक्षा परिषद इन पांच देशों की रजामंदी के बिना कोई प्रस्ताव न तो पारित कर सकती है और न ही उसे लागू कर सकती है।

किसी मुद्दे पर यदि 5 में से कोई एक सदस्य भी वीटो करता है तो प्रस्ताव खारिज हो जाता है। भारत के मोस्ट वांटेड आतंकवादी मसूद अजहर को अंतरराष्ट्रीय आतंकवादी घोषित करने से बचाने के लिए चीन कई बार वीटो पॉवर का इस्तेमाल कर चुका है।

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