लंदन। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के यूरोप प्रमुख ने शुक्रवार को आगाह किया कि क्षेत्र में मंकीपॉक्स (Monkeypox) के मामले बीते 2 हफ्तों में 3 गुना बढ़ गए हैं। साथ ही उन्होंने देशों से अनुरोध किया कि वे इसे सुनिश्चित करने के लिए और अधिक प्रयास करें कि यह दुर्लभ बीमारी महाद्वीप में जड़ न जमा ले। अफ्रीका में स्वास्थ्य अधिकारियों का कहना है कि वे वहां फैलने वाले मंकीपॉक्स के प्रकोप को एक आपात स्थिति के रूप में देख रहे हैं।
संयुक्त राष्ट्र की स्वास्थ्य एजेंसी ने पिछले हफ्ते फैसला किया था कि बीमारी के बढ़ने के बावजूद अभी इसे वैश्विक स्वास्थ्य आपदा घोषित करने की जरूरत नहीं है। इस पर डॉ. हंस क्लूगे ने एक बयान में कहा कि इसके बावजूद ज्यादा प्रयास किए जाने की जरूरत है।
क्लूगे ने कहा, अगर हम इस बीमारी के मौजूदा प्रसार को रोकना चाहते हैं तो तत्काल और समन्वित कार्रवाई करने की जरूरत है। यूएस सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन के अनुसार, दुनियाभर के 51 देशों से अब तक मंकीपॉक्स के 5000 से अधिक मामले सामने आए हैं।
क्लूगे ने कहा कि यूरोप में संक्रमणों की संख्या कुल वैश्विक मामलों के लगभग 90 प्रतिशत का प्रतिनिधित्व करती है। उन्होंने कहा कि डब्ल्यूएचओ के यूरोपीय क्षेत्र के 31 देशों ने अब तक इस रोग के मामलों की पहचान की है।
क्लूगे ने कहा कि डब्ल्यूएचओ को बताए गए आंकड़ों से पता चलता है कि 99 प्रतिशत मामले पुरुषों में सामने आए हैं और उनमें से अधिकांश ऐसे पुरुषों में ये मामले सामने आए हैं, जिनके समलैंगिक संबंध थे। उन्होंने कहा कि बच्चों सहित घरेलू संपर्कों के बीच अब कम संख्या के मामले हैं। अधिकांश लोगों ने शरीर पर दाने उभरने, बुखार, थकान, मांसपेशियों में दर्द, उल्टी और ठंड लगने जैसे लक्षणों की सूचना दी।
अफ्रीकी अधिकारी बोले- मंकीपॉक्स का प्रसार पहले से ही एक आपात स्थित : अफ्रीका में स्वास्थ्य अधिकारियों का कहना है कि वे वहां फैलने वाले मंकीपॉक्स के प्रकोप को एक आपात स्थिति के रूप में देख रहे हैं और अमीर देशों से आह्वान करते हैं कि वे कोरोनावायरस (Coronavirus) महामारी के दौरान टीकों के असमान वितरण जैसे हालात से बचने के प्रयास के तहत टीकों की सीमित आपूर्ति को साझा करें।
मंकीपॉक्स दशकों से मध्य और पश्चिम अफ्रीका के कुछ हिस्सों में लोगों को बीमार कर रहा है, लेकिन प्रयोगशाला निदान की कमी और कमजोर निगरानी का मतलब है कि पूरे महाद्वीप में कई मामले सामने नहीं आ रहे हैं। अफ्रीका के देशों ने इस वर्ष अब तक 1800 से अधिक संदिग्ध मामलों की सूचना दी है, जिनमें 70 से अधिक मौतें शामिल हैं, लेकिन संदिग्ध मामलों में से केवल 109 की प्रयोगशाला में पुष्टि हुई है।
अफ्रीका रोग नियंत्रण केंद्र के कार्यवाहक निदेशक अहमद ओग्वैल ने कहा, हमारे लिए इस प्रकोप का मतलब आपात स्थिति है। उन्होंने कहा, हम अब मंकीपॉक्स को एक आपात स्थिति के रूप में निर्धारित करने में सक्षम होना चाहते हैं ताकि इससे और दर्द और कष्ट न हो। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने पिछले हफ्ते फैसला किया था कि बीमारी का बढ़ना चिंताजनक है, लेकिन इसके बावजूद अभी इसे वैश्विक स्वास्थ्य आपदा घोषित करने की जरूरत नहीं है।
संयुक्त राष्ट्र की स्वास्थ्य एजेंसी ने कहा कि यदि बीमारी अधिक फैलती रही, बढ़ती गंभीरता के लक्षण दिखाती है या गर्भवती महिलाओं और बच्चों जैसे कमजोर समूहों को संक्रमित करना शुरू कर देती है, तो वह अपने फैसले पर पुनर्विचार करेगी। अफ्रीका के अलावा कहीं और इस बीमारी के चलते मौत की फिलहाल खबर नहीं है।(एजेंसियां)