यहां ब्रिक्स सम्मेलन में शामिल होने दोनों नेता लगभग एक ही समय पहुंचे। इसके तुरंत बाद दोनों ने मुलाकात की जिसे 'अच्छी चर्चा और अच्छी मुलाकात' करार दिया गया है।
मुलाकात 40 मिनट के लिए निर्धारित थी, लेकिन यह 80 मिनट तक चली क्योंकि यह एक ऐसी चर्चा थी जिसके लिए समय या नियमों की कोई बाधा नहीं थी।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता सैयद अकबरूद्दीन ने बताया कि दोनों नेता बैठक के लिए अच्छी तरह तैयार थे। उन्होंने उल्लेख किया कि शी ने कहा कि जब भारत और चीन मिलते हैं तो दुनिया हमें देखती है। राष्ट्रपति शी ने विशेष तौर पर गुजरात में मुख्यमंत्री के रूप में मोदी के अनुभव और विकास पर उनके फोकस का उल्लेख किया।
अकबरूद्दीन ने बताया कि चर्चा द्विपक्षीय संबंधों, क्षेत्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय मामलों के सभी पहलुओं पर केंद्रित रही।
एपेक शिखर सम्मेलन के लिए अचानक मिला आमंत्रण दोनों नेताओं द्वारा दोनों देशों के लिए ब्रिक्स और अन्य मंचों जैसे अंतरराष्ट्रीय फोरम पर मिलकर काम करने की आवश्यकता पर चर्चा किए जाने के मद्देनजर आया है।
आज की बैठक मोदी सरकार द्वारा छह हफ्ते पहले कार्यभार संभालने के बाद से दोनों देशों के बीच चौथी उच्चस्तरीय वार्ता है।
पहले शी के दूत वांग दिल्ली पहुंचे और इसके बाद उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी और सेना प्रमुख जनरल बिक्रम सिंह ने हाल में चीन का दौरा किया। शी ने सितंबर में प्रस्तावित अपने भारत दौरे पर स्वीकृति जताई और मोदी को चीन आने का न्यौता दिया।
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