झिगेज तिब्बती बौद्ध धर्मावलंबियों के दूसरे सबसे बड़े आध्यात्मिक नेता पंचेन लामा का निवास स्थान होने के अलावा माउंट एवरेस्ट के समीप स्थित होने के लिए प्रसिद्ध है। एक लाख 82 हजार वर्ग किलोमीटर में फैला यह शहर भारत, नेपाल, भूटान से सटा है। यह रेल-लाइन भारत और नेपाल की सीमाओं के एकदम निकट तक पहुंच जाएगी।
अगले पन्ने पर, दिखेगा एवरेस्ट का नजारा...
यह रेलमार्ग तांगुला दर्रे से होकर भी गुजरता है जो 5072 मीटर की ऊंचाई पर विश्व का सबसे ऊंचा रेलमार्ग है। शिनिंग से गोलमुड तक के 815 किमी लंबे रेलमार्ग का निर्माण 1984 तक पूरा हो गया था। इस रेलमार्ग में 90 किलोमीटर का रास्ता घाटियों और झीलों का होगा।
भारत के लिए खतरा है यह रेलमार्ग...
तांगुला रेलवे स्टेशन जो 5068 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। यह विश्व का सबसे ऊंचा रेलवे स्टेशन है। इस रेलयात्रा में सबसे खास बात यह रहेगी कि इसमें दुनिया की सबसे ऊंची पर्वत श्रृंखला एवरेस्ट (माउंट मोलांगमा) ट्रेन से दिखेगी।
अगले पन्ने पर, चीनी सेना को होगी आसानी...
ल्हासा-शिगात्से के 253 किमी मार्ग में 13 स्टेशन आएंगे। इस रेलमार्ग को चीन के लिए सामरिक दृष्टि से भी महत्वपूर्ण माना जा रहा है। ऐसी खबरें है कि वह परमाणु मिसाइलें स्टेशन का निर्माण भी कर रहा है। रेल लाइन के विस्तार से चीनी सेना के आने में आसानी होगी।
चीन का मानना है कि इस रेलमार्ग से तिब्बत के 700,000 लोगों की आर्थिक स्थिति में भी सुधार होगा। खबरों के अनुसार इस रेलमार्ग को अगले महीने शुरू किया जाएगा।
(
Photo courtesy : CCTVNEWS)