मनमोहन का हसीना को आश्‍वासन

Webdunia
गुरुवार, 30 अगस्त 2012 (00:32 IST)
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प्रधानमंत्री मनमोहनसिंह ने बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना को आश्वासन दिया कि भारत प्रस्तावित तीस्ता जल बंटवारा करार और भूमि सीमा समझौते को जल्द से जल्द अमलीजामा पहनाने के प्रति वचनबद्ध है।

दोनों नेताओं के बीच यहां हुई बैठक के दौरान मणिपुर की तिपाईमुख पनबिजली परियोजना के मामले पर भी बातचीत हुई और सिंह ने हसीना को भरोसा दिलाया कि भारत ऐसा कुछ नहीं करेगा, जिससे बांग्लादेश के हितों को नुकसान हो।

सिंह और हसीना के बीच 15 मिनट की आमने-सामने की बैठक से पूर्व दोनों पक्षों के बीच प्रतिनिधिमंडल स्तर की 40 मिनट की बैठक हुई, जिसमें व्यापक द्विपक्षीय मुद्दों पर विचार किया गया। गुट निरपेक्ष आंदोलन शिखर बैठक से पूर्व जब सिंह हसीना से मिले तो उन्होंने तीस्ता समझौता और भूमि सीमा समझौते के कार्यान्वयन का मामला उठाया।

सिंह ने हसीना को बताया कि तीस्ता जल बंटवारे पर और भूमि सीमा समझौता, जिसमें भारत और बांग्लादेश के बीच 111 एनक्लेव की अदला-बदली होनी है, के कार्यान्वयन पर भीतरी विचार-विमर्श चल रहा है और जैसे ही संभव होगा दोनों समझौतों को अमलीजामा पहनाया जाएगा।

सिंह ने स्पष्ट किया कि पिछले वर्ष सितंबर में उनकी ढाका यात्रा के समय जिस भूमि सीमा समझौते पर हस्ताक्षर किए गए थे और प्रस्तावित तीस्ता समझौता, जो पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के ऐन मौके पर आपत्ति उठाने के कारण नहीं हो पाया था, को अमल में लाने के लिए भारत पूरी तरह संकल्पबद्ध है।

ममता ने प्रमुख जल विज्ञानी कल्याण रूद्र की अध्यक्षता में एक आयोग का गठन किया है, जो तीस्ता नदी से पूरे वर्ष पश्चिम बंगाल से होकर बांग्लादेश जाने वाले पानी की उपलब्धता का अध्ययन करेगा, ताकि पश्चिम बंगाल सरकार नदी के जल के बंटवारे के बारे में पानी की मात्रा का निर्धारण कर सके।

भारत को संसद की मंजूरी से भूमि सीमा समझौते का अनुमोदन करना है, जिसके लिए संप्रग सरकार को दो तिहाई बहुमत की जरूरत होगी, जितना संविधान में समझौते के लिए जरूरी होता है, हालांकि भाजपा और असम गण परिषद को समझौते के प्रावधानों पर एतराज है और संप्रग के प्रमुख सहयोगी दल तृणमूल कांग्रेस ने समझौते के कुछ पहलुओं, खासतौर पर एनक्‍लेव और वहां की आबादी की अदला-बदली से जुड़े प्रावधान पर चिंता जताई है।

सिंह और हसीना ने भारत द्वारा बांग्लादेश को दिए गए एक अरब अमेरिकी डॉलर के कर्ज के इस्तेमाल की प्रगति पर भी चर्चा की। इनमें 60 करोड़ डॉलर से 600 परियोजनाओं को अंतिम रूप दिया है और 20 करोड़ को अनुदान में बदल दिया है।

पिछले आठ माह में दोनों नेताओं की यह दूसरी मुलाकात है। दोनों में मालदीव में दक्षेस शिखर बैठक के दौरान मुलाकात हुई थी। उन्होंने दोनों देशों के बीच बढ़ते सहयोग की सराहना की और इस बात पर संतोष जताया कि बांग्लादेश से अब अधिक सामान बिना सीमा शुल्क के भारत के बाजारों में पहुंच रहा है और सीमा हाट स्थापित किए गए हैं।

सिंह ने पिछले वर्ष ढाका की अपनी यात्रा के दौरान बांग्लादेश के कुछ परिधान को भारतीय बाजारों में सीमा शुल्क के बिना पहुंच मुहैया कराने का ऐलान किया था। (भाषा)

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