हैदराबाद। आईपीएल के 12वें संस्करण का फाइनल रविवार को जिसने भी देखा होगा, उसे वह अगले एक बरस तक याद रखेगा। लो-स्कोरिंग के इस मैच में मुंबई इंडियंस की टीम ने चेन्नई सुपरकिंग्स को 1 रन से हराकर चौथी मर्तबा खिताब जीतने का सम्मान पाया। मैच का फैसला भी आखिरी गेंद पर हुआ, जब मलिंगा ने शार्दुल ठाकुर को पगबाधा आउट किया। फाइनल मैच के तीन टर्निंग पाइंट...
1. चेन्नई सुपरकिंग्स की हार का सबसे बड़ा कारण उसके सबसे भरोसेमंद कप्तान और बल्लेबाज महेंद्र सिंह धोनी के रन आउट होने का रहा। हार्दिक पांड्या की गेंद पर शेन वॉटसन एक रन ले चुके थे लेकिन धोनी ने जब देखा कि गेंद ईशान किशन (मूल काम विकेटकीपिंग) के पास जा रही है, तब दूसरा रन लेने के लिए वॉटसन को मजबूर कर दिया।
धोनी को उम्मीद थी कि वे नॉन स्ट्राइक एंड पर सफलता से पहुंच जाएंगे। वे पहुंच भी गए थे और बल्ला भी टिकाकर निश्चिंत थे कि नॉटआउट हैं लेकिन दुर्भाग्य देखिए कि रिप्ले में कई बार देखने के बाद तीसरे अंपायर नाइजेल लांग का फैसला धोनी के फेवर में नहीं आया क्योंकि जब उनका बल्ला क्रीज की लकीर को स्पर्श कर रहा था, तब तक बेल्स उठ चुकी थी। धोनी 12.4 ओवर में 2 रन के निजी स्कोर पर अब आउट हुए जब टीम का स्कोर 82 रन था।
धोनी को 'मास्टर फिनिशर' माना जाता है। पिछले दो सीजन में वे एक मर्तबा भी रन आउट नहीं हुए थे लेकिन इस सीजन में वे जब पहली बार रन आउट हुए तब दर्शक दीर्घा में बैठी उनकी पत्नी साक्षी ही नहीं पूरा चेन्नई खेमा अचंभित रह गया।
2. शेन वॉटसन का अंतिम ओवर में रन आउट होना फाइनल मैच का दूसरा टर्निंग पाइंट था। वॉटसन तब आउट हुए जब चेन्नई सुपरकिंग्स को 3 गेंद में 5 रन की जरूरत थी। हालांकि वह भी दूसरा लेने के फेर में आउट हुए। जिस बल्लेबाज ने पूरे मैच में अपनी पारी सवांरी हो और जीत जब महज 5 कदम की दूरी पर थी तब वे 59 गेंदों पर 80 रन बनाकर आउट हो गए।
शेन वॉटसन ने पावरप्ले में चेन्नई का स्कोर 53/1 पहुंचा दिया था। दिल्ली के खिलाफ दूसरे क्वालीफायर मैच में वॉटसन ने 12 गेंदों में कोई रन नहीं बनाया था लेकिन फिर बाद में 32 गेंदों में तूफानी 50 रन ठोंक डाले थे। जब तक वॉटसन मैदान पर थे, तब तक चेन्नई की उम्मीद कायम थी लेकिन उनके आउट होने के बाद सभी संभावनाएं धरी की धरी रह गई। हालांकि अपनी पारी में वॉटसन को 3 जीवनदान भी मिले, जिसका उन्होंने भरपूर लाभ उठाया।
3. मुंबई के कप्तान रोहित शर्मा के लिए सबसे बड़ा सवाल ये था कि फाइनल ओवर किससे डलवाया जाए क्योंकि तब चेन्नई को जीत के लिए 6 गेंदों में 9 रन चाहिए थे। मलिंगा 3 ओवर में 42 रन लुटवा चुके थे। काफी मंथन के बाद तय हुआ कि एक ऐसे गेंदबाज से 20वां ओवर डलवाया जाए, जो फाइनल के ददाब को झेल सकता है। रोहित ने बहुत विश्वास के साथ गेंद मलिंगा को सौंपी।
मलिंगा ने भी अपनी टीम और कप्तान को निराश नहीं किया। जब चेन्नई को 1 गेंद पर 2 रन की जरूरत थी, तब उन्होंने शार्दुल ठाकुर को पगबाधा आउट कर डाला। क्रिकेट टीककारों को यह बात आखिरी तक हजम नहीं हुई कि जब धोनी के पास पिंच हिटर के रूप में हरभजन सिंह मौजूद थे, तब उन्होंने शार्दुल को क्यों भेजा? चेन्नई की टीम जब 1 रन से यह मैच हारी तो 'डग आउट' में पैड्स पहनकर बैठे हरभजन सिंह ने गुस्से में अपना बल्ला पैड पर मारा। पुरस्कार वितरण समारोह के वक्त भी हार से हरभजन की आंखें गीली थीं।